Sandra Alvarado In India: आगरा में हाथियों और भालुओं से मिली मिस वर्ल्ड इक्वाडोर सैंड्रा अलवाराडो
सैंड्रा अल्वाराडो (Photo Credits: IANS)

आगरा: मिस वर्ल्ड इक्वाडोर 2024 सैंड्रा अल्वाराडो ने वन्यजीव संरक्षण शिक्षा दौरे के लिए भारत में वाइल्डलाइफ एसओएस के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र एवं आगरा भालू संरक्षण केंद्र का दौरा किया और एनजीओ की देखरेख में रह रहे हाथी और भालुओं से मुलाकात की. Sleeping With 365 Men! 2024 में 365 पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाएगी ये महिला! तोड़ना चाहती है अपने पिछले साल का रिकॉर्ड

उनका दौरा भारत में वन्यजीव संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के संबंध में मशहूर हस्तियों के सहयोग देने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हुआ. सैंड्रा अल्वाराडो 23 वर्ष की थी, जब उन्हें मिस वर्ल्ड-2024 में इक्वाडोर के आधिकारिक प्रतिनिधि का ताज पहनाया गया था. सैंटो डोमिंगो में जन्मी और पली-बढ़ी सैंड्रा ने पिछले साल वकील के रूप में स्नातक की उपाधि प्राप्त की.

सैंड्रा 'एल रिनकोन डेल फ़ुतुरो' की एम्बेसडर भी हैं, जो एक सामुदायिक संगठन है, जिसका मानना है कि 'एक्शन गिव्स पॉवर टू आउट वॉयस'. संगठन बच्चों के लिए स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने के लिए कार्यशालाएं कराता है. अपनी विज़िट के दौरान, उन्हें बचाव सुविधा केंद्र में बचाए गए हाथियों के इतिहास को समझने का अवसर मिला.

एनजीओ के समर्पित प्रयासों की बदौलत इन हाथियों को दुर्व्यवहार और क्रूरता से मुक्त जीवन जीने का दूसरा मौका मिला है. सैंड्रा ने हाथी के देखभाल विशेषज्ञों और पशु चिकित्सकों से भारत में एशियाई हाथियों के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों के बारे में अमूल्य जानकारी ली. उन्हें बचाए गए हाथियों की चिकित्सा आवश्यकताओं को समझने का भी अवसर मिला.

उन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस के 'रिफ्यूज टू राइड' अभियान के बारे में भी जाना, जिसका उद्देश्य भारत में हाथियों की सवारी के आकर्षण के पीछे की काली वास्तविकता के बारे में पर्यटकों के बीच जागरूकता बढ़ाना है. हाथियों के साथ अपना दिन बिताने के बाद, सैंड्रा ने आगरा भालू संरक्षण केंद्र का दौरा करने में भी रुचि व्यक्त की, जो स्लॉथ भालुओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा पुनर्वास केंद्र है, जहां वर्तमान में लगभग 100 बचाए गए स्लॉथ भालुओं का आवास है.

वहां उन्हें भारत में क्रूर 'डांसिंग भालू' व्यापार के बारे में पता चला और कैसे वाइल्डलाइफ एसओएस ने 400 साल पुरानी बर्बर प्रथा को खत्म किया और इन भालूओं को पुनर्वास केंद्र में एक नया जीवन दिया.

सैंड्रा अल्वाराडो ने कहा, "वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र, आगरा भालू संरक्षण केंद्र की यात्रा मेरे लिए गहरा अनुभव था. मैं सभी से वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए संस्था के प्रयासों में मदद करने का आग्रह करती हूं. मुझे विश्वास है कि लोगों के लिए भारत में हाथियों की काली सच्चाई को समझना बहुत महत्वपूर्ण है.''

वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा, "सैंड्रा अल्वाराडो का हमारे अभयारण्यों का दौरा करना सम्मान की बात है. वन्यजीव संरक्षण के लिए उनका समर्थन और समर्पण वास्तव में सराहनीय है, उनकी विज़िट भारत में एशियाई हाथियों और स्लॉथ भालुओं की दुर्दशा पर प्रकाश डालने में मदद करेगी."