नॉर्वेजियन पीपल्स एड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2022 में उपयोग करने योग्य परमाणु हथियारों की संख्या में 130 से अधिक की वृद्धि हुई.नॉर्वेजियन पीपल्स एड ने एक रिपोर्ट में बताया है कि 2022 में उपयोग करने योग्य परमाणु हथियारों के भंडार में 130 से अधिक की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के लेखकों ने परमाणु हथियारों से मानवता को होने वाले खतरे के प्रति आगाह किया.
गैर सरकारी संगठन नॉर्वेजियन पीपल्स एड (एनपीए) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 की शुरुआत में दुनिया भर में परमाणु हथियारों की संख्या 9,576 तक पहुंच गई, जो पिछले साल 9,440 थी.
न्यूक्लियर वेपंस बैन मॉनिटर रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियारबंद परमाणु शक्ति "1,35,000 से अधिक हिरोशिमा बमों की सामूहिक विनाशकारी शक्ति" के बराबर है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और रूस द्वारा हर साल अपने कुछ पुराने हथियारों को हटाने के कारण हथियारों की कुल संख्या में कमी आई है. हालांकि जिस गति से नए आयुधों का निर्माण किया जा रहा है, उनकी संख्या शीघ्र ही सेवामुक्त किए जा रहे हथियारों की संख्या से अधिक हो सकती है.
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'परेशान करने वाला चलन'
रिपोर्ट के मुताबिक रूस, चीन, भारत, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान समेत लगभग पांच देश रेडी-टू-अटैक वॉरहेड्स में वृद्धि के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं. ये देश 2022 से अपने हथियारों के भंडार का विस्तार कर रहे हैं और वैश्विक स्तर पर सैन्य उपयोग के लिए उपलब्ध हथियारों के भंडार में 136 हथियार जोड़ रहे हैं.
हालांकि एनपीए के ग्रीथ ओस्टर्न ने चेतावनी दी कि जिस गति से नए हथियारों का उत्पादन हो रहा है वह हटाए जा रहे हथियारों की जगह ले सकता है.
ओस्टर्न कहती हैं, "यह वृद्धि चिंताजनक है और 2017 में शुरू हुआ परमाणु विस्तार का चलन बहुत ही खतरनाक है. अगर इस चलन को नहीं रोका गया तो पहली बार दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में भी वृद्धि देखेंगे."
जीवन समाप्त करने लायक हथियार
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक अमेरिका और सोवियत संघ के बीच तनाव की चरम सीमा पर 1986 में परमाणु हथियारों की कुल संख्या 70,000 तक पहुंच गई थी. 2023 में यह संख्या घटकर 12,512 हो गई है, लेकिन फिर भी यह धरती पर जीवन का सफाया करने के लिए पर्याप्त है.
रूस के पास वर्तमान में परमाणु हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है, और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में यूरोपीय संघ की सीमा के साथ बेलारूस में तथाकथित "सामरिक" परमाणु हथियारों की तैनाती की घोषणा करके परमाणु तनाव बढ़ा दिया है.
उन्होंने बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और तुर्की सहित रूस के पास विभिन्न देशों में कई वर्षों से अमेरिकी परमाणु हथियारों की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए अपने कदम को सही ठहराया है.
एए/वीके (एएफपी)