आस्ट्रेलियाई IS दुल्हन की वापसी की अर्जी नामंजूर, प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा- महिला को अपने किए का अंजाम भुगतना पड़ेगा
प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Photo Credit- Getty)

कैनबरा: आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने वृहस्पतिवार को आईएस (इस्लामिक स्टेट) की आस्ट्रेलियाई दुल्हन की घर वापसी के आवेदन को नामंजूर कर दिया. उन्होंने कहा कि महिला को अपने किए का अंजाम भुगतना पड़ेगा. इसलिए महिला के आवेदन को मंजूरी नहीं दी गई. प्रधानमंत्री ने मीडिया से कहा, "जिन्होंने आतंकवादियों का साथ देने का फैसला किया उसकी जिम्मेदारी उन्हें उठानी चाहिए. आस्ट्रेलिया उन आतंकियों से अभी जूझ रहा है."

उन्होंने कहा, "मैं आईएस से वापस लौटने के लिए गुहार लगाने वाले ऐसे किसी भी व्यक्ति को देशवापसी की मंजूरी देकर अपने अन्य देशवासियों की जान खतरे में नहीं डाल सकता." समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (Australian Broadcasting Corporation) से एक साक्षात्कार में सीरिया के शरणार्थी शिविर से तीन बच्चों की मां ने कहा था कि वह आस्ट्रेलिया वापस इसलिए लौटना चाहती है, क्योंकि उसके दो बेटे बीमार हैं, वहीं उसकी बेटी कुपोषण से पीड़ित है.

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महिला के अनुसार, उसके दोनों बेटे बीमार हैं और बेटी कुपोषण की शिकार हो चुकी हैं. महिला ने कहा, "मेरे पास दूध खरीदने तक के पैसे नहीं है, जिससे मेरी बेटी को पोषण मिल सके. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं. मैं वापस अपने देश लौटना चाहती हूं. मुझे लगता है कि हर कोई इसके लिए मुझे पूछ रहे हैं क्योंकि मैं आस्ट्रेलिया की नागरिक हूं."

प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि उन मासूम बच्चों के लिए दमघोटूं माहौल चुनने के जिम्मेदार उनके अभिभावक हैं. मेरे ख्याल से अपने माता-पिता के आतंकी गतिविधियों के शिकार वो मासूम बच्चे बन गए हैं, जो पूरी तरह से बेकसूर हैं. उन्होंने आगे कहा, "आस्ट्रेलिया के कानून के तहत हमारे लिए उनसे निपटने की एक प्रक्रिया है और उनको आस्ट्रेलिया के कानून का सामना करना होगा. "

आस्ट्रेलिया के गृह मामलों के विभाग द्वारा फरवरी में जारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 100 आस्ट्रेलियाई नागरिकों ने आईएस से जुड़ने के लिए अपना देश छोड़ दिया, जो अज्ञात हैं. कैनबरा ने दो दिन पहले ही उन नागरिकों के घर वापसी आवेदन को ठुकरा दिया था और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को निभाने को कहा था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि चंद लोगों की वजह से वह अपने देश के सभी नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं.

इस महिला का मामला भी 19 वर्षीय ब्रिटिश आईएस दुल्हन शमीमा बेगम (Shamima Begum) की तरह है, जिसके नवजात बेटे की मौत इस महीने सीरिया के शरणार्थी शिविर में हो गई. बेटे की मौत के बाद बेग ने भी ब्रिटिश सरकार से देश वापसी की गुहार लगाई थी, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इसके बदल उसकी नागरिकता भी खत्म कर दी. इसी तरह एक अमेरिकन महिला की नागरिकता भी खत्म कर दी गई थी, जो सीरिया गई थी.