डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ फाइजर वैक्सीन 42, और मॉर्डना 76 प्रतिशत प्रभावी : स्टडी
फाइजर वैक्सीन (Photo Credits: Wikimedia Commons)

लंदन, 12 अगस्त : अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और मॉडर्ना द्वारा विकसित कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले उतने प्रभावी नहीं हैं, जितनी कि वे वायरस के मूल स्ट्रेन के खिलाफ हैं. एक नए अध्ययन से यह पता चला है. डेली मेल ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिका के मिनेसोटा में मेयो क्लिनिक के शोधकतार्ओं ने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन जुलाई में संक्रमण के खिलाफ केवल 42 प्रतिशत प्रभावी पाई गई, जबकि मॉडर्ना वैक्सीन केवल 76 प्रतिशत प्रभावी रही. प्री-प्रिंटर सर्वर मेडरक्सिव डॉट ओआरजी पर प्रकाशित, जिसकी अभी तक समीक्षा नहीं की गई है, शोधकतार्ओं ने अपने अध्ययन में लिखा है, कई राज्यों (मिनेसोटा, विस्कॉन्सिन, एरिजोना, फ्लोरिडा और आयोवा) में मेयो क्लिनिक हेल्थ सिस्टम साइटों पर एमआरएनए -1273 (मॉडर्ना कोविड वैक्सीन) बनाम बीएनटी 162बी 2 (फाइजर कोविड वैक्सीन) के साथ पूरी तरह से टीकाकरण किए गए व्यक्तियों के बीच संक्रमण की दर की तुलना की गई तो एमआरएनए - 1273 ने बीएनटी 162बी 2 की तुलना में सफलता संक्रमण के खिलाफ दो गुना जोखिम में कमी देखी गई है.

अध्ययन के लिए, टीम ने जनवरी से जुलाई तक 25,000 से अधिक मिनेसोटन पर डेटा एकत्र किया. जैसा कि दावा किया गया है, जनवरी से जून तक टीके लगभग 90 प्रतिशत प्रभावी रहे, लेकिन जून में इसमें गिरावट शुरू हुई और जुलाई में बड़े पैमाने पर गिरावट देखी गई, क्योंकि तब तक इस वैरिएंट ने अमेरिका में पकड़ बना ली थी. अध्ययन से पता चला है कि वैक्सीन प्रभावशीलता में परिवर्तन मिनेसोटा में डेल्टा वैरिएंट के प्रसार में भारी वृद्धि के साथ मेल खाता है, जो मई में 0.7 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई में 70 प्रतिशत से अधिक हो गया है. इस बीच, अल्फा वैरिएंट, जो कि अमेरिका में पिछला एक प्रमुख स्ट्रेन रहा है, इसी समान समय अवधि में इसके प्रसार में 85 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक कमी देखी गई है. अमेरिका वर्तमान में डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमण और मृत्यु में वृद्धि देख रहा है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, गुरुवार सुबह तक, अमेरिका में कुल मामलों और मरने वालों की संख्या क्रमश: 36,185,761 और 618,454 दर्ज की गई है. आने वाले हफ्तों में इसके और बढ़ने का अनुमान है. यह भी पढ़ें : पाकिस्तान ने सतह से सतह पर वार करने वाली परमाणु संचालित बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया

शोध में शामिल विशेषज्ञों के अनुसार, हालांकि, टीके अभी भी अस्पताल में भर्ती होने और वायरस से गंभीर मामलों को रोकने में प्रभावी हैं और दोनों के साथ अस्पताल में भर्ती होने की दर 25 प्रतिशत से कम है. पिछले महीने, फाइजर ने डेटा प्रकाशित किया था, जिसमें दिखाया गया था कि इसके टीके की प्रभावकारिता छह महीने के बाद 86 प्रतिशत तक गिर जाती है. लेकिन बूस्टर शॉट्स, जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है, जो कि वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और अधिक प्रतिरोधी वेरिएंट से बचाने में मदद कर सकते हैं.