UNSC में निराशा मिलने के बाद भी पाकिस्तान ने थपथपाई अपनी पीठ, कश्मीर मुद्दे को लेकर कही ये बड़ी बात

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में निराशा मिलने के बाद भी पाकिस्तान ने अपनी पीठ थपथपाई है . कश्मीर मुद्दे को लेकर शुक्रवार कोई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक हुई थी.

पाकिस्तान का झंडा (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: भारत (India) के जम्मू एवं कश्मीर (Jammu-Kashmir) राज्य से विशेष दर्जा वापस लिए जाने से तिलमिलाया पाकिस्तान हर मंच पर मदद के लिए दस्तक दे रहा है, हालांकि उसे कोई सफलता नहीं मिल रही है.चीन की मांग पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की अनौपचारिक क्लोज डोर मीटिंग हुई, जिसमें भी उसे अपेक्षित परिणाम नहीं मिला. हालांकि वहां के नेता इसे अपनी जीत बताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया, "जम्मू एवं कश्मीर के गंभीर मुद्दे पर विश्व के सबसे बड़े कूटनीतिक मंच पर 50 साल में पहली बार यह मुद्दा उठा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 11 प्रस्ताव हैं, जिसमें दोहराया गया है कि कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार है. यूएनएससी की बैठक ने उन 11 प्रस्तावों की पुष्टि की है." यह भी पढ़े: रंग लाई पीएम मोदी की कूटनीति, फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया

पाक पीएम इमरान खान ट्वीट:

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तान ने फैसला किया है कि वह दूतावासों में कश्मीर सेल एवं डेस्क खोलेगा. कश्मीर पर स्पेशल सेल के जरिए भविष्य की रणनीति तय की जाएगी. भारत दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए किसी वारदात को अंजाम दे सकता है. अगर वह ऐसा करते हैं तो पाकिस्तान और यहां की सेना अपना बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में वह हासिल किया, जिससे भारत स्तब्ध होगा। मोदी ने नेहरू के हिंदुस्तान की हत्या कर दी. आज यह नेहरू का भारत नहीं है, यह मोदी का भारत है। इस्लामिक सहयोग संगठन ने भी कश्मीर में कर्फ्यू तत्काल खत्म करने की बात कही है."

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने कहा, "यूएनएससी के अधिकतर सदस्यों ने कश्मीर में मानवाधिकार हनन पर चिंता जताई है। एक महत्वपूर्ण सदस्य ने कहा कि घाटी में मानवाधिकार हनन की जांच होनी चाहिए। हम कूटनीति के जरिए इस मुद्दे का समाधान करना चाहते हैं. यूएनएससी की बैठक से यह साबित हुआ कि यह भारत का आंतरिक मामला नहीं है जैसा कि वह दावा करता है."

इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, "कश्मीर मुद्दा पाकिस्तान की सुरक्षा से जुड़ा है। दुनिया भारत के रक्षामंत्री के गैरजिम्मेदाराना वक्तव्य पर गौर करे। भारत की ओर से किसी भी हमले को अंजाम दिया जाता है तो पाकिस्तान और सेना अपना बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार है।"चीन की मांग पर जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाए जाने के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक शुक्रवार को हुई। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की औपचारिक सत्र की मांग को खारिज कर दिया था. उल्लेखनीय है कि भारत ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का फैसला किया था, जिसके बाद से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है।

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