पाकिस्तान में मिली सच बोलने की सजा: जज ने ISI की पोल खोली तो कर दी गई छुट्टी

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर न्याय तंत्र, खासकर पनामागेट मामले में दखलंदाजी करने का आरोप लगाने पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायाधीश शौकत अजीज सिद्दीकी को बर्खास्त कर दिया है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (File Photo: IANS)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर न्याय तंत्र, खासकर पनामागेट मामले में दखलंदाजी करने का आरोप लगाने पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायाधीश शौकत अजीज सिद्दीकी को बर्खास्त कर दिया है. डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, अलवी ने प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायिक परिषद की सिफारिश पर सिद्दीकी को गुरुवार को बर्खास्त कर दिया.

सिद्दीकी ने 21 जुलाई को रावलपिंडी में जिला बार एसोसिएशन के समक्ष अपने भाषण में कहा था कि इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के अधिकारी अपनी इच्छानुसार खंडपीठ गठित करने और न्यायाधीश चुनने में सफल रहे हैं जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हुई है.

उन्होंने कहा था, "आईएसआई ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से संपर्क कर उन्हें बताया कि वे चुनाव से पहले (पूर्व प्रधानमंत्री) नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरयम नवाज की रिहाई नहीं चाहते."

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परिषद ने कहा कि भाषण के दौरान सिद्दीकी ने बतौर उच्च न्यायालय न्यायाधीश अशोभनीय व्यवहार किया. हटाए जाने के बाद सिद्दीकी ने कहा कि परिषद से वे यही अपेक्षा कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि परिषद ने उनके खिलाफ उनके आवास के जीर्णोद्धार से संबंधित आधारहीन कारण बताया, चूंकि उसका इससे कोई मतलब नहीं है तो उन्हें बार एसोसिएशन में भाषण देने के लिए निकाला गया.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, परिषद के आदेश के खिलाफ सिद्दीकी एक संवैधानिक याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं.

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