जमाल खशोगी हत्याकांड: अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA का दावा, कहा- सऊदी क्राउन प्रिंस ने दिए थे हत्या के आदेश
अमेरिकी खुफिया विभाग सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) ने कहा है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के आदेश दिए थे. इस दौरान सऊदी क्राउन के भाई खालिद बिन सलमान और जमाल खशोगी के बीच हुए फोन कॉल की भी जांच की गई.
वाशिंगटन: वरिष्ठ पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद से ही सऊदी अरब के प्रिंस को लगातार आलोचनाओं का शिकार करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में अब अमेरिकी खुफिया विभाग सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) ने कहा है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के आदेश दिए थे. अज्ञात सूत्रों के हवाले से वाशिंगटन पोस्ट ने इस रिपोर्ट का खुलासा किया है जिसमें कहा गया है कि इंटेलीजेंस एजेंसी कई सबूतों और गवाहों का परीक्षण करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है.
इस दौरान सऊदी क्राउन के भाई खालिद बिन सलमान और जमाल खशोगी के बीच हुए फोन कॉल की भी जांच की गई. खालिद जो कि अमेरिका में सऊदी राजदूत है ने फोन में किए बाचतीत में पत्रकार खशोगी से कहा था कि वह इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास जाए और अपना पेपरवर्क पूरा कर ले. जांच प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों ने कहा कि खालिद ने जो कॉल किया था वह मोहम्मद बिन सलमान के निर्देश पर ही किया था. यह भी पढ़ें- जमाल खशोगी हत्याकांड: सऊदी अरब के 17 अधिकारियों पर अमेरिकी सरकार ने लगाया प्रतिबंध
इस से पहले शुक्रवार को जमाल खशोगी की ‘नृशंस हत्या’ में कथित रूप से संलिप्तता रखने वाले सऊदी अरब के 17 नागरिकों पर गुरुवार को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगा दिया. एक प्रेस विज्ञप्ति ने अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन नुचिन के हवाले से बताया, "हम सऊदी अरब के जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, वे जमाल खशोगी की हत्या में शामिल हैं.
बता दें इससे पहले तुर्की के एक अखबार ने खुलासा किया कि इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर उनकी लाश के टुकड़े कर दिए गए. तुर्की के सरकार समर्थित अखबार येनी सफाक का दावा है कि दूतावास के अंदर पहुंचते ही खशोगी को बंदी बना लिया गया.
गौरतलब है कि जमाल खशोगी तुर्की में रहने वाली अपनी मंगेतर हेटिस सेंगीज से शादी करना चाहते थे. इसकी अनुमति के लिए दस्तावेज लेने वह 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास गए थे लेकिन वहां से वापस नहीं लौटे, वहीं उनकी हत्या कर दी गई.