भारत से कोरोना वैक्सीन की दुनियाभर में डिमांड, नेपाल भी मंगवाना चाह रहा
नेपाल सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर अपनी लगभग 20 प्रतिशत आबादी के लिए कोविड-19 वैक्सीन की खरीद का अनुरोध किया है.
काठमांडू, 30 दिसम्बर: नेपाल (Nepal) सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर अपनी लगभग 20 प्रतिशत आबादी के लिए कोविड-19 वैक्सीन की खरीद का अनुरोध किया है. नेपाल के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में भारत सरकार को पत्र लिखा है और अपनी 20 प्रतिशत आबादी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए वैक्सीन (टीकों) की आपूर्ति का अनुरोध किया है.
भारत में नेपाली राजदूत नीलांबर आचार्य (Rajdoot Neelambar Aacharya) ने पिछले हफ्ते पुणे (Pune) स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जो दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है और जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से विकसित कोविड वैक्सीन का भी उत्पादन कर रहा है. बुधवार को काठमांडू (Kathmandu) पोस्ट में छपी एक खबर के मुताबिक, जल्द से जल्द टीके लगवाने के लिए नेपाल सरकार ने भारत से 20 प्रतिशत नेपालियों के लिए वैक्सीन खरीद सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है.
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सूत्रों का कहना है कि नेपाल वैक्सीन की कीमत अदा करने के लिए भी तैयार है. भारत टीकों का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत निर्मित टीकों के अलावा, सरकार अन्य देशों में बने टीकों पर भी नजर बनाए हुए है. पहले चरण में नेपाल सरकार फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीकों का उपयोग करने की तैयारी कर रही है. कोविड-19 वैक्सीन सलाहकार समिति के समन्वयक श्याम राज उप्रेती ने कहा, "विभिन्न देशों और कंपनियों के लगभग 15 वैक्सीन उम्मीदवार तीसरे चरण के परीक्षणों में हैं."
उन्होंने कहा, "सरकार ने अधिकांश देशों को मदद के लिए और व्यक्तिगत कंपनियों को वैक्सीन की खरीद के लिए पत्र लिखे हैं." सरकार ने अनुमान लगाया है कि 52 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने पर 48 अरब रुपये खर्च होंगे. नेपाल की कुल आबादी में से 15 की उम्र से नीचे के लोगों को टीका नहीं दिया जाएगा, क्योंकि इस उम्र के नीचे के लोगों पर लगाए जाने वाले टीकों का परीक्षण नहीं किया गया है.