म्यांमार: विद्रोही समूह ने भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे शहर पर किया कब्जा

पश्चिमी रखाइन प्रांत में सक्रिय एक जातीय सशस्त्र समूह अराकान आर्मी ने भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर एक शहर पर नियंत्रण का दावा किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पश्चिमी रखाइन प्रांत में सक्रिय एक जातीय सशस्त्र समूह अराकान आर्मी ने भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर एक शहर पर नियंत्रण का दावा किया है.पश्चिमी म्यांमार के रखाइन राज्य में जातीय सशस्त्र समूह ने दावा किया है कि उसने भारत और बांग्लादेश से लगे शहर पर कब्जा कर लिया है. सशस्त्र समूह ने जिस शहर को कब्जा करने का दावा किया है उसका नाम पालतेवा है.

म्यांमार के कई हिस्सों में विद्रोह से जूझ रही सैन्य जुंटा के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है. साल 2021 में चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर सत्ता हथियाने वाली सेना के सामने यह नई चुनौती है. म्यांमार में सैन्य जुंटा कई मोर्चों पर विद्रोह झेल रही है और लोकतंत्र समर्थक विद्रोहियों ने कई सैन्य चौकियों और कस्बों पर नियंत्रण कर लिया है.

क्या कमजोर हो रही है सैन्य सरकार

अराकान सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसने भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित पालतेवा शहर पर कब्जा कर लिया है. कलादान नदी के तट पर स्थित यह शहर पड़ोसी देशों के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग है. अराकान सेना का दावा है कि उसके पास लगभग 30,000 हथियारबंद लोग हैं और यह सरकार विरोधी त्रिपक्षीय "ब्रदरहुड अलायंस" का हिस्सा है.

गठबंधन में म्यांमार डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी और ताउंग नेशनल लिबरेशन आर्मी भी शामिल हैं. उन्होंने अक्टूबर के आखिर से सेना के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू कर दिया है. उनका दावा है कि उन्होंने अब तक देश भर के 42 शहरों को सैन्य कब्जे से छीन लिया है.

अराकान सेना ने एक बयान में कहा, "पूरे पालतेवा क्षेत्र में एक भी सैन्य परिषद कैंप नहीं बचा है." बयान में अराकान सेना ने कहा कि वह क्षेत्र में प्रशासन और कानून प्रवर्तन की जिम्मेदारी भी संभालेगी. उसने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी जारी कीं, जिसमें अराकान सेना के सैनिक अपने हथियारों और सेना से जब्त किए गए हथियारों, गोला-बारूद और सैन्य उपकरणों के साथ प्रमुख प्रशासनिक भवनों के सामने समूह के झंडे के साथ खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं.

अराकान सेना के प्रवक्ता ने कहा, "जहां तक ​​सीमा स्थिरता का सवाल है, हम पड़ोसी देशों के साथ हरसंभव सहयोग करेंगे." हालांकि, सैन्य जुंटा ने अभी तक पालतेवा की स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

सैन्य जुंटा की लगातार हार

नेशनल अलायंस ने पिछले ग्यारह हफ्तों में चीनी सीमा से लगे इलाकों में म्यांमार की सेना को अपमानजनक हार दी है. पालतेवा पर कब्जा करने से कुछ दिन पहले म्यांमार डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी, जो त्रिपक्षीय गठबंधन का हिस्सा है, ने चीन की सीमा पर उत्तरी शान राज्य के लुकाई शहर पर कब्जा कर लिया था.

प्रमुख रखाइन कस्बों का नष्ट होना सैन्य जुंटा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक, सैन्य जुंटा अराकान सेना को कायोक्टवा शहर की ओर बढ़ने से रोकने के लिए हवाई हमले कर रहा है. यह शहर रखाइन की राजधानी सितवे को बाकी म्यांमार से जोड़ता है. म्यांमार की सैन्य सरकार ने हवाई हमले की पुष्टि की, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए.

सैन्य जुंटा पिछले सप्ताह विपक्षी गठबंधन के साथ युद्धविराम पर सहमत हुआ था. वार्ता चीन के कुनमिंग में चीनी अधिकारियों की सहायता से आयोजित की गई.

विश्लेषकों का कहना है कि अब पठार के चले जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सैन्य सरकार अपने रैंकों को फिर से मजबूत कर सकती है और अपने सैनिकों को विपक्ष से लड़ना जारी रखने के लिए मना सकती है.

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सेना के हिंसक अभियानों में अब तक कम से कम 4,363 नागरिक मारे गए हैं, जबकि लगभग 20,000 लोगों को सरकार ने जेल में डाल दिया है.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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