इस्लामाबाद, 29 नवंबर : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि विदेश नीति सहित किसी भी मामले में देश के सैन्य नेतृत्व द्वारा उन पर कभी दबाव नहीं डाला गया. शनिवार रात को एक्सप्रेस न्यूज को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों ने हमेशा दावा किया कि देश की विदेश नीति में सेना के हस्तक्षेप के कारण सेना के साथ उनका टकराव था. उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि सेना अफगान संघर्ष को हल करने का विकल्प नहीं है और अब हम उसी नीति का पालन कर रहे हैं."
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विपक्ष के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए कि उन्हें सेना द्वारा सत्ता में लाया गया था, इमरान खान ने कहा, "मुझ पर किसी भी मामले पर सेना द्वारा कभी भी दबाव नहीं डाला गया और उन्होंने (सैन्य नेतृत्व) कभी भी मेरे फैसलों का विरोध नहीं किया."
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सिविलियन पदों पर सेवानिवृत्त सेना अधिकारियों की नियुक्ति पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि लेफ्टिनेंट-जनरल (रिटायर्ड) असीम सलीम बाजवा कमांडर दक्षिणी कमान के रूप में सेवा करने और चीनी अधिकारियों के साथ काम करने के अपने अनुभव के कारण उनकी व्यक्तिगत पसंद थे." उन्होंने आगे कहा कि बाजवा को उनके 'उत्कृष्ट प्रदर्शन' के कारण सूचना मंत्रालय की टीम में शामिल किया गया था, जबकि वह सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर के प्रमुख थे.