रूस के मुद्दे पर माक्रों ने मांगी चीन से मदद
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

"रूस को होश में लाने के लिए" आपकी मदद की जरूरत है, बीजिंग पहुंचे फ्रेंच राष्ट्रपति ने चीनी प्रेसीडेंट शी जिनपिंग से कुछ इन्हीं शब्दों में दरख्वास्त की है.तीन दिवसीय दौर पर चीन पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने गुरुवार को चीन के सर्वोच्च नेता और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान माक्रों ने यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए शी से कहा, "मैं जानता हूं कि रूस को होश में लाने और सबको बातचीत की मेज तक लाने के लिए मैं आप पर भरोसा कर सकता हूं."

चार साल बाद बीजिंग पहुंचे फ्रांसीसी राष्ट्रपति

दोनों नेताओं ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को जल्द से जल्द शुरू कराने की कोशिशों पर जोर दिया. शी और माक्रों की बातचीत बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में हुई. इस दौरान यूक्रेन विवाद से परमाणु हथियारों को दूर रखने पर दोनों ने सहमति जताई.

फ्रेंच राष्ट्रपति कार्यालय ने बातचीत को "स्पष्ट और सकारात्मक" बताया जबकि वहीं बीजिंग ने इसे "दोस्ताना" और "गहराई" भरा कहा.

माक्रों और शी की मुलाकात के बाद यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फोन डेय लायन भी चीनी राष्ट्रपति से मिलीं. फोन डेय लायन की शी से मीटिंग में माक्रों भी मौजूद रहे. माना जा रहा है कि इस वार्ता में भी रूस छाया रहेगा.

नाटो में शामिल हुआ फिनलैंड

चीन, यूक्रेन में शांति की लगातार बात कर रहा है, लेकिन बीजिंग ने अभी तक रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है. मार्च में शी ने मॉस्को जाकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लंबी बातचीत की. इस बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने "करीबी रिश्तों" का जश्न मनाया.

दूसरी तरफ, शी ने यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से अभी तक एक बार भी यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलीफोन पर भी बात नहीं की है.

ईयू-चीन संबंधों का भविष्य

पिछले कुछ सालों में यूरोपीय संघ और चीन के रिश्ते खट्टे हुए हैं. तकनीकी प्रतिस्पर्धा, ताइवान और यूक्रेन पर चीन के रूख का असर इन संबंधों में देखा जा रहा है. बीजिंग के लिए रवाना होने से पहले माक्रों ने कहा कि वह यूक्रेन पर "यूरोपीय एकता की आवाज" बनना चाहते हैं.

चीन को आशा है कि माक्रों के दौरे से पश्चिम के साथ खराब हुए रिश्तों को सुधारने में मदद मिलेगी. बीजिंग को लगता है कि अमेरिका, चीन के आर्थिक उभार को दबाना चाहता है. चीन और अमेरिका हाल के दिनों में दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं. इन परिस्थितियों के बीच यूरोप के लिए भी चीन के साथ रिश्तों को संतुलित बनाए रखना आसान नहीं है.

माक्रों से मुलाकात के दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग ने मुश्किल समय में चीन और फ्रांस के बीच संवाद की अहमियत पर जोर दिया. गुरुवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा, "माक्रों के दौरे से चीन और फ्रांस के बीच आर्थिक और कारोबारी सहयोग, साथ ही बढ़ते राजनीतिक साझा भरोसे के पैदा होने का अनुमान है."

कारोबार भी फोकस में

यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया आर्थिक तंगी और मंहगाई का सामना भी कर रही है. यूरोप भी इसकी मार झेल रहा है. यूरोप को लगता है कि आर्थिक भंवर से निकालने में चीन मदद कर सकता है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ 50 से ज्यादा कारोबारी बीजिंग पहुंचे हैं.

एयरबस के सीईओ गियुम फौरी के मुताबिक उनकी कंपनी चीन में दूसरी फाइनल असेंबली लाइन खोलेगी. इसके साथ ही एयरबस की चीन में प्रोडक्शन क्षमता दोगुनी हो जाएगी. एयबस ने चाइना एविएशन सिस्टम्स को 160 नए विमान बेचने की डील भी की है.

फ्रांस की सरकारी कंपनी ईडीएफ और चीनी सरकारी कंपनी सीएनजी के बीच भी लंबी पार्टनरशिप को रिन्यू करने की डील हुई है. ईडीएफ ने समुद्री पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए चाइना एनर्जी इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन से समझौता किया है.

ओएसजे/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)