Racial Attack In America: भारतीय-अमेरिकियों ने नस्लीय हमलों, गांधी प्रतिमा की तोड़फोड़ के खिलाफ प्रदर्शन किया
वाशिंगटन में हाल में घृणा अपराधों के बढ़ते मामलों और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने की घटनाओं के खिलाफ भारतीय-अमेरिकियों ने टाइम स्क्वायर पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया.
वाशिंगटन, 12 सितंबर: वाशिंगटन में हाल में घृणा अपराधों के बढ़ते मामलों और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने की घटनाओं के खिलाफ भारतीय-अमेरिकियों ने टाइम स्क्वायर पर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. Pramila Jayapal: अमेरिका में नस्लीय हमले तेज, भारतीय मूल की सांसद को मिली धमकी, कहा- अपने देश लौट जाओ
अन्य सामुदायिक संगठनों एवं ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन्स’ (एफआईए) के सहयोग से प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले लोगों ने जो बाइडन प्रशासन और अन्य राज्य सरकारों से ऐसे मामलों के खिलाफ कदम उठाने का आग्रह किया.
समुदाय के प्रतिनिधियों ने न्यूयॉर्क और अमेरिका के अन्य शहरों में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर हाल में हुए हमलों पर भी चिंता व्यक्त की. पीड़ितों और लोगों की जान की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले सभी नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौन रखा गया और प्रार्थना की गई.
सभा को संबोधित करते हुए, न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल ने घृणा अपराधों और आतंकवाद के खिलाफ सतर्क रहने तथा सद्भाव और अहिंसा को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का उपदेश है. जायसवाल ने 9/11 के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी दी.
एफआईए के अध्यक्ष केनी देसाई ने अपने संबोधन में कहा कि इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के ध्यान में लाने के लिए शांतिपूर्ण मार्च से बेहतर कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘आज के दिन अपनी जान गंवाने वालों को हम याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, हमें चरमपंथ और घृणा-अपराध को खत्म करने के लिए संकल्प के साथ शांति से काम करना चाहिए.’’
समुदाय के नेता और ‘राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ के प्रमुख प्रेम भंडारी ने कहा कि महात्मा गांधी के मूल्यों से बहुत कुछ सीखना है. उन्होंने हाल की उन तोड़फोड़ की घटनाओं की कड़ी निंदा की जहां महान वैश्विक नेता की प्रतिमा को अपवित्र और नष्ट कर दिया गया था. इस अवसर पर एफआईए के अध्यक्ष अंकुर वैद्य और ‘बिहार फाउंडेशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ के अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी अपने विचार साझा किए.
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