बीजिंग: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के अपने पहले दौरे पर पहुंच गए हैं. इसे किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा चीन का हाल के वर्षों में किया गया अत्यंत महत्त्वपूर्ण दौरा माना जा रहा है जहां हर वक्त के सहयोगी सीपीईसी को लेकर मतभेदों को दूर करने पर मंथन करेंगे. साथ ही इसे पाकिस्तान द्वारा ‘मित्र राष्ट्रों’ तक पहुंच बनाकर आईएमएफ के कड़ी शर्त वाले राहत पैकेज को लेने से बचने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है. अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान खान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली खछ्यांग से वार्ता करेंगे और कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी कर सकते हैं.
खान उन राष्ट्र प्रमुखों में से भी एक हैं जो पांच नवंबर से शंघाई में चीन की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय आयात प्रदर्शनी की उद्घाटन बैठक का हिस्सा होंगे. दोनों देशों और उनकी सेनाओं के बीच “जिगरी दोस्त” वाले रिश्ते को देखते हुए पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री का चीन का दौरा करना एक नियमित कार्यक्रम है. लेकिन खान के दौरे में खास दिलचस्पी पूर्व में की गई उनकी टिप्पणियों को लेकर है जहां उन्होंने 60 अरब डॉलर वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजनाओं की आलोचना की थी. इसके अलावा उनके एक मंत्री ने कर्ज को लेकर चिंता जताते हुए कुछ परियोजनाओं को हटाने या कम करने की बात कही थी.
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क्रिकेटर से नेता बने खान अपने दौरे के दौरान चीन से अधिक ऋण भी मांग सकते हैं ताकि पाकिस्तान को आईएमएफ से कोई आर्थिक मदद न लेनी पड़े.