अमेरिका ने आज ही के दिन 74 साल पहले हिरोशिमा पर गिराया था परमाणु बम, चंद सकेंड में मारे गए थे लाखों लोग

अमेरिकी सेना ने विमान से लिटिल ब्वॉय नाम के परमाणु बम को गिराया गया था उसका का वजन 9700 पाउंड (4400 किलोग्राम) और लंबाई 10 फुट 28 इंच था. इस बम में 6.4 किलोग्राम प्‍लूटोनियम था. जब यह परमाणु बम जमीन पर गिरा तो लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी. जिससे कई किलोमीटर तक लोग भाप बनकर उड़ गए. इस हमले के बाद सिर्फ और सिर्फ मातम पसरा था.

परमाणु बम से मची थी तबाही ( फोटो क्रेडिट- pixabay and Wikipedia )

अमेरिका (America) ने साल 1945 में आज ही के दिन मानव इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार करने वाले परमाणु बमों (Atomic bombs) का इस्तेमाल किया था. परमाणु बम का प्रयोग करने वाला अमेरिका एक मात्र ऐसा देश है. जापान के शहर हिरोशिमा ( Hiroshima ) पर परमाणु बम गिराए जाने के 74 साल पूरे हो गए. अमेरिकी बी-29 बमवर्षक ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था. इस परमाणु हमले में हिरोशिमा में 1,40,000 और नागासाकी में 74,000 लोग मारे गए थे. अमेरिका ने हिरोशिमा हमले के तीन दिन बाद 9 अगस्त को नागासाकी (Nagasaki ) पर परमाणु बम से हमला किया गया था. इस परमाणु हमले में जापान पूरी तरह तबाह हो गया था. इस दर्द की कराह से आज भी जापान उभरा नहीं.

9 अगस्त 1945 की सुबह जापान के लोग आम दिन की तरह ही उठे थे. लेकिन उन्हें इस बात का जरा भी आभास नहीं था कि उनके साथ जो होने वाला है. उसे युगों-युगों तक नहीं भुला जाएगा. हमले से पहले हिरोशिमा के आसमान पर जापानी सैनिकों को लड़ाकू विमान नजर आए थे. जिसके बाद सारे रडार अलर्ट कर दिए गए थे. लेकिन फिर कुछ समय बाद आसमान साफ हो गया और लड़ाकू विमान गायब हो गए. जिसके बाद जापानियों को लगा कि सब शांत है. लेकिन कुछ ही देर बाद आसमान से एक काली चीज तेजी से जमीन की तरफ बढ़ती नजर आई. ये काली चीज एक परमाणु बम था. इसी तरह से नागासाकी परमाणु हमले में को अंजाम दिया गया था.

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अमेरिकी सेना ने विमान से लिटिल ब्वॉय नाम के परमाणु बम को गिराया गया था उसका का वजन 9700 पाउंड (4400 किलोग्राम) और लंबाई 10 फुट 28 इंच था. इस बम में 6.4 किलोग्राम प्‍लूटोनियम था. जब यह परमाणु बम जमीन पर गिरा तो लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी. जिससे कई किलोमीटर तक लोग भाप बनकर उड़ गए. इस हमले के बाद सिर्फ और सिर्फ मातम पसरा था.

कहा जाता है कि अमेरिका हिरोशिमा और नागासाकी पर तीसरे परमाणु हमले की तैयारी था. अमेरिका ने तीसरे हमले लिए 19 अगस्‍त का दिन चुना था. लेकिन उससे पहले

अगर जापान 14 अगस्‍त को आत्मसमर्पण कर दिया.

अमेरिका ने पर्ल-हार्बर पर हमले का जापान से लिया था खौफनाक बदला

अमेरिका और जापान में दक्षिण-पूर्व एशिया के द्विपीय देशों में उपनिवेशवाद के मसले पर ठन गई थी. वैसे तो दोनों विश्व युद्ध के दौरान एक पक्ष में थे. लेकिन जापान शत्रु और अमेरिका मित्र देशों के साथ लड़ाई लड़ रहा था. इसी दौरान जापान ने अमेरिका के महत्वपूर्ण बंदरगाह 'पर्ल-हार्बर' पर अपने एयर फोर्स को भेज भीषण हमला करा दिया. जापान के इस हमले में हजारो अमेरिकी मारे गए. वहीं अमेरिकी जंगी जहाजों को काफी नुकसान पहुंचा था. जिसके बाद अमेरिका बौखला उठा और उसने जापान से बदला लेने की प्लान बनाने लगा. जिसके बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन जापान पर परमाणु बम से हमला करने का आदेश दे दिया.

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