पाकिस्तान ने दंगे के शिकार हिंदू प्रिंसिपल नोटन लाल को ही बनाया आरोपी, ईश-निंदा का केस दर्ज कर किया गिरफ्तार
हिंदू प्रधानाचार्य ईश-निंदा के आरोप में गिरफ्तार (Photo Credits: IANS/File)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है. ताजा मामला सिंध प्रांत (Sindh Province) के घोटकी से सामने आया है. जहां रविवार को हिंदू समुदाय के खिलाफ जमकर हिंसा हुई. हालांकि इस मामले में दो सौ से अधिक लोगों पर केस दर्ज किया गया है. कल भड़की हिंसा के संबंध में पुलिस ने एक स्कूल प्रिंसिपल नोटन लाल (Notan Lal) को गिरफ्तार किया है. उन्हें एक कट्टरपंथी नेता की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का आरोप है कि नोटन लाल ने कथित तौर पर पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जिसके चलते दंगे भड़के. हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं है. लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान की पुलिस ने प्रिंसिपल के खिलाफ ईश-निंदा कानून (Blasphemy Law) के तहत केस दर्ज कर लिया.

वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस की चेयरपर्सन रूबिना ने कहा कि पाकिस्तान की इमरान सरकार कराची मसले से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर ऐसा कर रही है. यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. इसके जरिए हिंदू सिंधियों का दमन करने के साथ ही भयभीत करने का प्रयास किया जा रहा है.

सिंध प्रांत के घोटकी में दंगाइयों की हिंसा का शिकार हिंदू समुदाय अभी भी डरे सहमे है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक छात्र ने आरोप लगाया कि सिंध पब्लिक स्कूल के मालिक और प्रिंसिपल नोतन लाल ने मुहम्मद साहब के बारे में विवादित टिप्पणी की है. इसके बाद दंगाइयों की भीड़ इकट्ठी होती गई और लाठी-डंडे से लैस ये लोग हिंदू संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने लगे.

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गौरतलब हो कि यह मामला शनिवार को ही सामने आ गया था. लेकिन समय रहते पाकिस्तान के प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया. जिसके चलते दंगाईयों ने हिंदू संपत्तियों और धर्मस्थल को जमकर नुकसान पहुंचाया. साथ ही हिंदू परिवारों को भी धमकाया और हिंदू धर्म के खिलाफ नारे लगाए. घटना के बाद से हिंदू समुदाय के लोग अपने-अपने घरों में छिपे हुए है.