Farmers Protest: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय किसानों का किया समर्थन, कहा- हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक में हैं
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत से किसानों के प्रदर्शन को लेकर जो खबरें आ रही हैं, वो चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा, कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक में है और भारत में ऐसे प्रदर्शनों के हक में अपनी बात रखता रहेगा.
नई दिल्ली: भारत में नए कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. राजधानी दिल्ली (Delhi) में हजारों किसान सड़कों पर हैं. इस बीच अब किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा है. भारत में जारी किसानों के इस प्रदर्शन को लेकर कनाडा (Canada) के पीएम जस्टिन ट्रूडो (PM Justin Trudeau) ने चिंता जाहिर की है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडों ने किसानों के साथ समर्थन जाहिर किया है. जस्टिन ट्रूडो ने भारत में जारी किसानों के प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों का समर्थन करता है.
गुरु नानक जयंती के अवसर पर कनाडा के पीएम ने सिख कम्युनिटी के लोगों को संबोधित किया. इसी दौरान उन्होंने भारत में जारी किसानों के प्रदर्शन पर बात की. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत से किसानों के प्रदर्शन को लेकर जो खबरें आ रही हैं, वो चिंताजनक हैं. Delhi-Haryana Routes: राष्ट्रीय राजधानी में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी, यात्री इन मार्गों से करें दिल्ली में एंट्री.
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जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के हक में है और भारत में ऐसे प्रदर्शनों के हक में अपनी बात रखता रहेगा. उन्होंने कहा कि हम कई तरीकों से भारतीय प्रशासन के साथ संपर्क में हैं. ये हम सभी के लिए साथ खड़े रहने और एक दूसरे का साथ देने का समय है." गौरतलब है कि कनाडा में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग रहते हैं. कनाडाई सरकार में कई पद भी सिखों के पास ही हैं. रविवार को टोरंटो में भी किसान प्रदर्शन के समर्थन में लोगों ने रैली निकाली थी.
बता दें कि किसानों के साथ बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में किसान संगठनों को बैठक के लिए बुलाया है. सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगुवाई करेंगे. इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत अन्य कुछ मंत्री रह सकते हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें MSP और मंडी के मुद्दे पर लिखित गारंटी चाहिए. किसान संगठनों को डर है कि नए कानून से MSP खत्म हो जाएगी.