चाइनीज प्रोजेक्ट के खिलाफ इंडोनेशिया में प्रदर्शन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

दुनिया की सबसे बड़ी कांच उत्पादक कंपनी इंडोनेशिया के एक द्वीप पर प्लांट लगाना चाहती है. चीन के इस प्रोजेक्ट का भारी विरोध हो रहा है. यह मामला इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के लिए इम्तिहान बन सकता है.इंडोनेशिया ने अपने रेमपांग द्वीप पर दंगारोधी पुलिस भेजी है. सिंगापुर के करीब स्थित इस द्वीप पर चीन की आर्थिक मदद से एक इकोनॉमिक जोन बनाया जा रहा है. अरबों डॉलर के निवेश से बनाए जा रहे इस इकोनॉमिक जोन में चीन की कांच उत्पादक कंपनी का बड़ा प्लांट भी होगा.

यह पूरा जोन करीब 7,500 लोगों को घर बार छोड़ने पर मजबूर कर रहा है. उन्हें दूसरी जगह विस्थापित होना होगा और इसी कारण रेमपांग द्वीप में चाइनीज प्रोजेक्ट का भारी विरोध हो रहा है. द्वीप के प्रमुख शहर बाटाम में करीब 1,000 लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को इंडोनेशिया सरकार ने दंगारोधी पुलिस के 200 अधिकारी रेमपांग भेज दिए.

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पुलिस प्रवक्ता जहवानी पांद्रा अर्शयाद के मुताबिक, "यह एहतियात के तौर पर उठाया गया कदम है....ताकि बाटाम में सुरक्षा बहाल रहे. रिआऊ द्वीप समूह रणनीतिक रूप से लोगों के कारोबार और निवेश के लिए अहम है." पुलिस वहां कब तक रहेगी, इसके जवाब में अर्शयाद ने कहा कि यह वहां के हालात पर निर्भर करेगा.

ब्रिमॉब कही जाने वाली मोबाइल दंगारोधी पुलिस इंडोनेशिया में खासी बदनाम है. उस पर बहुत ज्यादा बल प्रयोग करने के आरोप लगते रहे हैं.

इंडोनेशिया के संसाधन पर चीन की नजर

इंडोनेशिया दक्षिणपूर्वी एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. देश के पास निकेल का बड़ा भंडार है. निकेल इलेक्ट्रिक कारों के लिए जरूरी कच्चा माल है. चीन, इंडोनेशिया के आधारभूत ढांचे में खूब निवेश कर रहा है. इसके कारण इंडोनेशिया में सामाजिक अंसतोष भी उपज रहा है. जनवरी में सुलावेसी द्वीप में निकेल गलाने वाली फैक्ट्री में दंगे हुए.

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इंडोनेशिया के रेमपांग द्वीप के प्रस्तावित इकोनॉमिक जोन में चीनी कंपनी शीनयी ग्लास होल्डिंग्स ने 11.5 अरब डॉलर के निवेश का एलान किया है. जुलाई में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो की चीन यात्रा के दौरान इंडोनेशिया सरकार और दुनिया की सबसे बड़ी कांच उत्पादक कंपनी के बीच यह डील हुई. रेत, कांच बनाने के लिए जरूरी कच्चा माल है. इन द्वीप समूहों के आस पास यह कच्चा माल अच्छी खासी मात्रा में है.

बाटाम में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर जोकोवी के नाम से मशहूर राष्ट्रपति ने बयान दिया है. इंडोनेशियाई राष्ट्रपति के मुताबिक अगर स्थानीय लोगों को विस्थापन की योजना अच्छे और विस्तृत तरीके से समझायी गई होती, तो शायद यह नौबत नहीं आती.

इकोनॉमिक जोन परियोजना की जिम्मेदार अथॉरिटी बीपी बाटाम का कहना है कि विस्थापितों को किराये और भोजन का पैकेज दिया जाएगा. इंडोनेशिया सरकार के मुताबिक बाटाम का ये प्रोजेक्ट इंडोनेशिया में 20280 तक तीन लाख नौकारियां पैदा करेगा. लेकिन सरकार के दस्तावेजों में इस बात का जिक्र नहीं है कि प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा.

ओएसजे/एनआर (एएफपी)