China Action On Mosques: चीन ने शिंजिंयांग से लेकर अन्य शहरों में मस्जिदों को बंद कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है. चीन को शक है कि इन मस्जिदों में संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है. चीन के इस कदम से इस्लामिक देशों में भी खलबली मची हुई है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने चीन के इस कदम पर चिंता जाहिर की है.
मानवाधिकारों के क्षेत्र में काम करने वाले ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन शिंजियांग के अलावा भी अन्य इलाकों में मस्जिदों को बंद करने की कार्रवाई कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि उत्तरी निंशिआ और गांसू प्रांत में मस्जिदें बंद कर दी गई हैं. इन इलाकों में ‘हुई मुसलमानों’ की बहुलता है. कहा जा रहा है कि स्थानीय अधिकारी मस्जिदों की वास्तुकला शैलियों को भी नष्ट कर रहे हैं. Earthquake in Indonesia: भूकंप के झटकों से दहला इंडोनेशिया, 6.6 रही तीव्रता
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2016 में धर्मों को चीन के अनुरूप करने का आह्वान किया था और इसके साथ ही इस शिकंजा कसने की कार्रवाई शुरू की गई थी. उस इलाके में एक करोड़ 10 लाख से अधिक उइगर मुसलमान तथा अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक रहते हैं. संयुक्त राष्ट्र की पिछले वर्ष एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ने शिंजियांग में ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ किए हैं, जिसमें गैर-न्यायिक नजरबंदी शिविरों के नेटवर्क का निर्माण भी शामिल है.
China: Human Rights Watch accuses Beijing of closing and destroying mosques https://t.co/wO1cfLL6VT
— BBC News (World) (@BBCWorld) November 22, 2023
कहा जाता है कि चीन ने शिविरों में 10 लाख उइगर, हुई, कजाख और किर्गिज लोगों को रखा है. शिंजियांग के बाहर के क्षेत्रों में मस्जिदों को बंद कर दिया, ध्वस्त कर दिया या उनका रूप परिवर्तित कर दिया है.
खबरों के अनुसार 2019 और 2021 के बीच निंशिआ के लियाओकियाओ और चुआनकोऊ गांवों में सभी 7 मस्जिदों के गुंबदों और मीनारों को ध्वस्त कर दिया और उनमें से 3 मुख्य इमारतों को ध्वस्त कर दिया. कहा जा रहा है कि सरकार ‘‘धार्मिक स्थलों की संख्या को सख्ती से नियंत्रित करना चाहती है."