Bangladesh Crisis: 17 साल पहले ठुकराया था PM बनने का ऑफर, उन्हीं परिस्थितियों में अब सत्ता संभालेंगे नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस शेख हसीना के धुर विरोधी हैं. शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना के पीछे एक प्रमुख कारण इन्हें भी माना जा रहा है.
बांग्लादेश कई महीनों से जल रहा है. पड़ोसी मुल्क में पिछले कई दिनों की सियासी उठापटक के बाद अब अंतरिम सरकार का गठन होने जा रहा है. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है. देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की अध्यक्षता में बंगा भवन (राष्ट्रपति भवन) में एक मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार गुरुवार को शपथ लेगी. भारत में सुरक्षित शेख हसीना लेकिन बांग्लादेश में पार्टी कार्यकर्ताओं का हो रहा कत्लेआम, 29 नेताओं के शव बरामद.
जनरल वकार ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरिम सरकार गुरुवार को रात आठ बजे शपथ ले सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि सलाहकार परिषद में 15 सदस्य हो सकते हैं.
कौन हैं मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस शेख हसीना के धुर विरोधी हैं. शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना के पीछे एक प्रमुख कारण इन्हें भी माना जा रहा है. मोहम्मद यूनुस को गरीबी मिटाने का जरिया बताने के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. मोहम्मद यूनुस एक सोशल वर्कर, बैंकर और अर्थशास्त्री हैं. उनका जन्म 28 जून 1940 को गुलाम और अविभाजित भारत में हुआ. ढाका यूनिवर्सिटी से शुरूआती पढाई करने के बाद यूनुस अमेरिका चले गए जिसके बाद वे बांग्लादेश की आजादी के बाद देश लौटे.
2007 में ठुकराई जो सरकार उसे ही संभालेंगे
जनवरी 2007 में जब सेना ने बांग्लादेश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और खालिदा जिया दोनों ही भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद थीं. सेना ने देश को चलाने के लिए बांग्लादेश के नोबेल प्राइज विनर मोहम्मद यूनुस को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश की. हालांकि, उस वक्त यूनुस ने यह जिम्मेदारी नहीं ली.
17 साल बाद बांग्लादेश में फिर वही राजनीतिक उथल-पुथल मची है. शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं. अब अंतरिम सरकार चलाने की जिम्मेदारी उन्हीं मोहम्मद यूनुस पर आई है, जिन्होंने 17 साल पहले प्रधानमंत्री के पद को ठुकरा दिया था. इस बार यूनुस ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है.