जर्मन एकीकरण दिवस पर देश में युद्ध विरोधी प्रदर्शन
3 अक्टूबर को जर्मनी के एकीकरण दिवस पर चांसलर शॉल्त्स ने देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से के बीच बरकरार संसाधनों की असमानता पर बात की.
3 अक्टूबर को जर्मनी के एकीकरण दिवस पर चांसलर शॉल्त्स ने देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से के बीच बरकरार संसाधनों की असमानता पर बात की. राजधानी बर्लिन समेत देश के कई हिस्सों में युद्ध विरोधी प्रदर्शन भी निकाले गए.ठीक 34 साल पहले 3 अक्टूबर 1990 की आधी रात को बर्लिन की राइषटाग बिल्डिंग के सामने 'प्लाट्ज डेय रिपब्लिक' स्क्वायर पर जर्मन एकता का झंडा फहराया गया. करीब आधी सदी के बंटवारे के बाद जर्मनी के दोनों हिस्से मिलकर एक हो गए. 3 अक्टूबर की यह तारीख जर्मनी के लिए एकता दिवस (डे ऑफ जर्मन यूनिटी) है.
इस साल 'जर्मन यूनिटी डे' के मौके पर राजधानी बर्लिन में युद्ध विरोधी प्रदर्शन हुए. उत्तरी जर्मनी के श्वरीन शहर में हुए आधिकारिक कार्यक्रम में चांसलर ओलाफ शॉल्त्स और राष्ट्रपति फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने भी हिस्सा लिया. जर्मनी का एक ऐतिहासिक शहर श्वेरीन, मैक्लेनबुर्ग राज्य की राजधानी है. इस साल जर्मन एकता दिवस की 34वीं सालगिरह का आधिकारिक कार्यक्रम यहीं हुआ. यहां 'मैकलेनबुर्ग स्टेट थिएटर' में हुए कार्यक्रम में 450 से ज्यादा मेहमान शामिल हुए.
33 साल बाद भी 'परफेक्ट' नहीं है जर्मन एकीकरण
"नेवर अगेन वॉर"
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की मौजूदगी में आधिकारिक कार्यक्रम हुए. साथ ही, "नेवर अगेन वॉर" के संकल्प के साथ देश के कई हिस्सों में खास प्रदर्शन निकाले गए. नाजी जर्मनी के अंत के बाद, नए सिरे से गठित लोकतांत्रिक जर्मनी ने अतीत में हुए भीषण अत्याचारों को याद रखते हुए संकल्प लिया कि युद्ध उसकी विदेश नीति का हिस्सा नहीं होगा. इतिहास में हुई क्रूरताओं से सबक लेते हुए मौजूदा और आने वाली पीढ़ियों को चेताना इस "नेवर अगेन" (दोबारा नहीं) संकल्प का भाव है, ताकि वह अतीत फिर कभी ना दोहराया जा सके.
एकता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चांसलर शॉल्त्स ने चरमपंथियों और लोकलुभावनवादी शक्तियों के खिलाफ संघर्ष की चुनौतियों को रेखांकित किया. जर्मनी के पूर्वी भाग के तीन राज्यों (सैक्सनी, ब्रांडेनबुर्ग और थुरिंजिया) के विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए शॉल्त्स ने आगाह किया कि उदार लोकतंत्र से लड़ रहे पॉप्युलिस्ट समूचे देश, अर्थव्यवस्था और जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने चेतावनी के अंदाज में कहा, "इस रुझान को पलटने में बहुत मेहनत की जरूरत होगी."
चांसलर ने दिया एकजुटता का संदेश
चांसलर ने इसपर भी जोर दिया कि देशभर में नागरिकों की बड़ी संख्या स्वतंत्र व्यवस्था के सिद्धांतों को मजबूती से बरकरार रख रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे लोगों की संख्या चरमपंथियों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. उन्होंने कहा, "यह ऐसी चीज है, जो आज जर्मन यूनिटी डे के अवसर पर हमें एकजुट करती है."
जर्मन एकीकरण के ऐतिहासिक घटनाक्रम का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, "हमें ना तो कभी भूलना चाहिए या इसे कम करके आंकना चाहिए कि 1990 से अब तक पूर्वी जर्मनी में हमने क्या हासिल किया है, यहां हमने क्या बनाया है और एक देश के तौर पर साथ मिलकर हम कितना आगे आए हैं."
जर्मनी के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में अब भी असमानता!
कई विशेषज्ञों के मुताबिक, एकीकरण के इतने सालों बाद भी जर्मनी के पूर्वी हिस्से आधारभूत सुविधाओं, बुनियादी ढांचों, रोजगार, मानव सूचकांक और विकास जैसे पक्षों में देश के पश्चिमी भाग के मुकाबले पीछे हैं. देश के पूर्वी राज्यों में अपेक्षाकृत अलग राजनीतिक रुझान, धुर-दक्षिणपंथी शक्तियों के बढ़ते जनाधार और रूस समर्थक भावनाओं में सोवियत संघ के ऐतिहासिक असर के साथ-साथ संसाधनों के वितरण की असमानता को भी कई विशेषज्ञ अहम वजह मानते हैं.
एकीकरण के 30 साल बाद भी जर्मनी पुरानी समस्याओं से जूझ रहा है
चांसलर शॉल्त्स ने भी अपने संबोधन में इस पक्ष को शामिल करते हुए जोर दिया कि देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में जीवनस्तर में और भी बराबरी व साम्य लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "जहां भी राजनीति बेहतर अवसर और एकसमान जीवनस्तर ला सके, ऐसा किया जाना चाहिए." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि "यह विचार कि जर्मन एकता तभी मुकम्मल होगी, जब एक दिन पूर्वी हिस्सा भी बिल्कुल पश्चिमी भाग की तरह होगा, यह आइडिया एकजुट जर्मनी की राह में मददगार नहीं है." उन्होंने आशंका जताई कि यह भावना कड़वाहट और खीझ को बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा, "यह (विचार) पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी जर्मनी के भीतर मौजूद विशाल विविधता के साथ न्याय नहीं करता."
युद्ध के विरोध में प्रदर्शन
जर्मन एकीकरण दिवस पर देशभर में कई प्रदर्शन हुए. "नेवर अगेन वॉर" के संकल्प के साथ हो रहे प्रदर्शनों में यूक्रेन युद्ध और मध्यपूर्व के संघर्ष का विरोध प्रमुख थीम है. इसके अलावा कई लोग 2026 से जर्मनी में अमेरिकी मिसाइलों की प्रस्तावित तैनाती का भी विरोध कर रहे हैं. साथ ही, प्रदर्शनों में यूक्रेन और इस्राएल को हथियार देने का भी विरोध किया जा रहा है.
पॉप्युलिस्ट नेता जारा वागननेष्ट भी बर्लिन में एक रैली को संबोधित करेंगी. वागननेष्ट की पार्टी रूस समर्थक मानी जाती है. हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. खबरों के मुताबिक, जर्मनी में यूक्रेनियों के एक संगठन ने "तुम्हारी शांति हमारे लिए मौत की सजा है" शीर्षक के साथ एक जवाबी प्रदर्शन कर रहा है.
एसएम/आरपी (डीपीए)