9/11 के बाद बने मुस्लिम विरोधी नैरेटिव का जवाब नहीं दिया गया : इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को इस्लामाबाद में संसद भवन में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के 48वें विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दुनियाभर में इस्लाम विरोधी नैरेटिव उर्फ 'इस्लामोफोबिया' के प्रसार के लिए मुस्लिम दुनिया को जिम्मेदार ठहराया.
इस्लामाबाद, 22 मार्च : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को इस्लामाबाद में संसद भवन में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के 48वें विदेश मंत्री परिषद (सीएफएम) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दुनियाभर में इस्लाम विरोधी नैरेटिव उर्फ 'इस्लामोफोबिया' के प्रसार के लिए मुस्लिम दुनिया को जिम्मेदार ठहराया. एक हथियारबंद शख्स द्वारा मस्जिद पर हमले की दुखद घटना का जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा, "बदकिस्मती से हमने इस्लामोफोबिया के इस गलत नैरेटिव को फैलने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया और नतीजतन, पश्चिम में इस पर यकीन कर लिया." उन्होंने कहा, "हमारे पास आत्मविश्वास नहीं है. हम किसी तरह की मदद के लिए दूसरों की ओर देखते हैं. हमें एक ब्लॉक के रूप में रहना चाहिए और खुद को अमन में भागीदार के रूप में दिखाना चाहिए."
खान ने 15 मार्च को इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में चिह्न्ति करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किए जाने पर ओआईसी सदस्यों को बधाई दी. मुस्लिम जगत को एक साझा एजेंडे पर एक साथ रहने और एक गुट के रूप में बने रहने की तत्काल जरूरत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि दुनियाभर में मुसलमानों का कत्ल किया जा रहा है और गलत तरीके से आतंकवाद से जोड़ा जा रहा है. फिलिस्तीन और कश्मीर के मुद्दे पर बात करते हुए खान ने कहा कि उन क्षेत्रों में दिन के उजाले की लूट की जा रही है, जबकि मुस्लिम दुनिया इसे मौन रूप से देख रही है. उन्होंने कहा, "भारत जम्मू-कश्मीर राज्य की जनसांख्यिकी को मुस्लिम बहुल राज्य से मुस्लिम अल्पसंख्यक राज्य में बदल रहा है. यह एक युद्ध अपराध है." यह भी पढ़ें : बिहार में राजद प्रत्याशी के 4 निजी सुरक्षाकर्मी हथियार के साथ गिरफ्तार
उन्होंने कहा, "लेकिन इससे भारत को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मुस्लिम दुनिया इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए कुछ नहीं कर रही है." पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि अगर दुनिया अफगानिस्तान की धरती को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल होने से बचाना चाहती है तो अफगानिस्तान को स्थिर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान के लोगों से ज्यादा किसी और ने नहीं झेला है, जो 40 साल से युद्ध में हैं. इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अब समय आ गया है कि मुस्लिम दुनिया एकजुट हो और अपनी सीमाओं के अंदर वैश्विक संक्रमण और उथल-पुथल से निपटने के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया करे.
उन्होंने कहा, "हमें दुनियाभर में एकता, न्याय और विकास के निर्माण में एक विश्वसनीय भागीदार होना चाहिए, लेकिन आक्रामकता या वर्चस्व में किसी का सहयोगी नहीं होना चाहिए." उन्होंने कहा, "मुस्लिम देशों में लगातार बाहरी हस्तक्षेप के कारण मुस्लिम दुनिया की नाराजगी बढ़ रही है." ओआईसी के दो दिवसीय सत्र के दौरान 100 से अधिक संकल्प पेश किए जाएंगे. एजेंडा के अनुसार, अफगानिस्तान ह्यूमैनिटेरियन ट्रस्ट फंड पहले ही स्थापित किया जा चुका है, जिसके चार्टर पर ओआईसी सीएफएम से एक दिन पहले हस्ताक्षर किए गए थे.