कोविड-19 रोधी टीके अस्पताल में भर्ती होने से रोकने के लिए प्रभावी : अमेरिकी अध्ययन
कोरोना वैक्सीन (Photo credits: PTI)

वाशिंगटन, 10 सितंबर : कोरोना वायरस रोधी टीके की पूरी खुराक लेने से संक्रमित व्यक्ति अस्पताल और आईसीयू में भर्ती होने से बच सकता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है जिसमें अमेरिका में करीब 200 अस्पतालों के आंकड़े लिए गए हैं. ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में बृहस्पतिवार को प्रकाशित अध्ययन में इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड एकत्रित किए गए हैं, जो यह दिखाते हैं कि टीके संक्रमण से पीड़ित लोगों को उच्च स्तर की सुरक्षा मुहैया कराते हैं. अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कोविड-19 टीके के असर का पता लगाने के लिए अमेरिका की छह स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के साथ मिलकर काम किया. इन सभी संस्थानों ने 187 अस्पतालों के अस्पताल और आईसीयू में भर्ती 50 साल से अधिक आयु के मरीजों के आंकड़े उपलब्ध कराए.

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि मॉर्डना और फाइजर की दो खुराक कोविड-19 से संक्रमित मरीज को अस्पताल में भर्ती होने से 89 प्रतिशत तक रोक सकती है और आपात विभाग में देखभाल से 91 प्रतिशत तक रोक सकती है. टीके की दोनों खुराक मरीज को गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती होने से 90 प्रतिशत तक रोक सकती है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि उन लोगों में असर कम पाया गया जिन्होंने टीके की केवल एक खुराक ली थी. सीडीसी के कोविड-19 प्रतिक्रिया दल के सदस्य एवं अध्ययन के मुख्य लेखक मार्क थॉम्पसन ने कहा, ‘‘यह अध्ययन पुष्टि करता है कि ये टीके अत्यधिक प्रभावी हैं. यह भी पढ़ें : Austria: पैसों की लालच में बेटे ने मां के मृत शरीर को एक साल तक रखा ममी बनाकर, ऐसे हुआ पर्दाफाश

ये 85 साल से अधिक आयु के उन लोगों के लिए सुरक्षा मुहैया कराते हैं जिन्हें लंबी बीमारी रही है और साथ ही काले और हिस्पानवी वयस्कों को भी सुरक्षा मुहैया कराते हैं.’’ अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस अध्ययन के नतीजे और लोगों को न केवल अपने आप को बल्कि अपने समुदाय की रक्षा करने के लिए कोविड-19 रोधी टीके लगाने के लिए राजी करेंगे.