अफगानिस्तान की सरकार ने किया खुलासा, कहा- पाकिस्तान और तालिबान वार्ता बंधकों के बारे में थी
अफगानिस्तान की सरकार ने कहा है कि तालिबानी प्रतिनिधिमंडल और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच इस्लामाबाद में हुई बातचीत दो बंधकों की रिहाई के बारे में थी न कि शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर उप विदेश मंत्री इदरीस जमान ने कहा जितना हम आधिकारिक तौर पर जानते हैं, शांति वार्ता रुक गई है और अभी तक शुरू नहीं हुई है.
काबुल: अफगानिस्तान की सरकार ने कहा है कि तालिबानी प्रतिनिधिमंडल और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच इस्लामाबाद (Islamabad) में हुई बातचीत दो बंधकों की रिहाई के बारे में थी न कि शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर उप विदेश मंत्री इदरीस जमान ने शनिवार को काबुल में संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जितना हम आधिकारिक तौर पर जानते हैं, शांति वार्ता (अमेरिका और तालिबान के बीच) रुक गई है और अभी तक शुरू नहीं हुई है."
जमान ने कहा, "इस्लामाबाद में वर्तमान में जो बातचीत चल रही है, वास्तव में हम कह सकते हैं कि वह कैदियों के बीच शामिल दो अमेरिकी बंधकों के बारे में है."
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समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, जमान ने बंधकों के बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन प्रतीत होता है कि यह अगस्त 2016 में काबुल में अगवा किए गए अमेरिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों से संबंधित है.
उनकी पहचान अमेरिकी नागरिक केविन किंग और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक टिमोथी जॉन वीक्स के रूप में की गई है. इस्लामाबाद में तालिबान के प्रतिनिधिमंडल की यात्रा संयोग से अफगानिस्तान सुलह के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद की पाकिस्तानी राजधानी के दौरे के समय हुई है.
जमान ने कहा, "इस्लामाबाद में संभवत: जो बातचीत चल रही है, उसका (अफगान) शांति प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है." जमान ने कहा कि शांति अफगान सरकार के लिए प्राथमिकता है, लेकिन वार्ता की शुरुआत से पहले, तालिबान को हिंसा बंद करनी चाहिए.