प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)
2023 में सलवान मोमिका नाम के शख्स ने कई बार कुरान को अपमानित किया था. 30 जनवरी को उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में स्वीडन पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.इराकी शरणार्थी सलवान मोमिका की स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 30 जनवरी को गोली मारकर हत्या कर दी गई. सलवान पर इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को जलाने और इस्लाम के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप थे. स्थानीय पुलिस ने इस मामले में फिलहाल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
जून 2023 में ईद के दिन मोमिका ने स्टॉकहोम में एक मस्जिद के बाहर कुरान जलाई थी. उसने कुरान पर सुअर का मांस लपेटकर उसके कुछ पन्नों में आग लगा दी और जमीन पर गिराकर उसे पैरों से कुचल दिया. इस घटना से पूरी दुनिया में स्वीडन के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि हत्या के वक्त मोमिका टिकटॉक पर लाइव था और उसी दिन उस पर 'एक जातीय या राष्ट्रीय समूह के खिलाफ नफरत फैलाने' के अपराध से जुड़े मामले में अदालत द्वारा फैसला सुनाया जाना था.
स्थानीय पुलिस ने बताया कि यह घटना घर के अंदर हुई थी. पुलिस जब पहुंची तब एक शख्स गोली लगने की वजह से घायल था. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. घटना के बाद जारी बयान में पुलिस ने कहा कि उन्होंने रात भर चले ऑपरेशन में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.
समाचार एजेंसी एएफपी को मिली जानकारी के अनुसार मामले की जांच शुरू कर दी गई है और घटना से जुड़ी तमाम जानकारियां जुटाई जा रही हैं. वहीं स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टोसॉन ने इस घटना में विदेशी ताकतों का हाथ होने की बात कही है.
क्या आरोप थे
अगस्त 2023 में सलवान मोमिका ने अपने साथी प्रदर्शनकारी सलवान नजीम के साथ मिलकर कई बार कुरान को अपमानित किया और जलाया. मोमिका की मौत के बाद नजीम ने एक्स पर पोस्ट किया, अगला नंबर मेरा है. स्वीडिश मीडिया के अनुसार उसे भी मौत की धमकियां मिली थीं.
इन दोनों प्रदर्शनकारियों की वजह से मध्य-पूर्व के कई देशों के साथ स्वीडन के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. सऊदी अरब समेत कई इस्लामिक देशों ने इस घटना के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी. जुलाई 2023 में बगदाद में स्वीडिश दूतावास पर दो बार हमला हुआ और परिसर में आग लगा दी गई.
अपमान पर इस्लाम सख्त
इस्लाम में कुरान को पवित्र दर्जा दिया गया है. इसमें लिखी आयतें अल्लाह की कही बातों के रूप में स्वीकार की जाती हैं इसीलिए इसके साथ किसी भी तरह की अपमान की घटना को अपराध की तरह देखा जाता है.
2015 में पेरिस में शार्ली एब्दो नाम की पत्रिका पर पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून प्रकाशित करने की वजह से उसके दफ्तर पर हमला करके 12 लोगों को मार दिया गया था. पेरिस के ही एक शिक्षक सैमुअल पैटी का 2020 में कक्षा में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून इस्तेमाल करने की वजह गला काट दिया गया था. भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर अपनी किताब में पैगंबर मोहम्मद का जिक्र करने की वजह से, 2022 में एक कार्यक्रम में उन पर कई बार चाकू से कई बार हमला किया गया था.
यही वजह है कि कई देशों ने कुरान के अपमान पर सख्त कानून बना दिए हैं. स्वीडन के पड़ोसी देश डेनमार्क में कुरान जलाने की घटनाओं के बाद ऐसा करना अपराध घोषित कर दिया गया है.
मोमिका 2018 में स्वीडन पहुंचा था और 2021 में शरणार्थी का दर्जा मिलने के बाद से वहीं रह रहा था. स्वीडन में मिलने वाली अभिव्यक्ति की आजादी के तहत उसे प्रदर्शन की मंजूरी मिली थी और उसने कुरान जलाने की घटना को अंजाम दिया था.
स्वीडन की प्रवासन एजेंसी गलत जानकारी देने की वजह से 2023 में मोमिका को वापस इराक भेजना चाहती थी लेकिन उसकी जान को होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए ऐसा नहीं किया गया. मोमिका ने मार्च 2024 में नॉर्वे में शरण मांगी थी लेकिन कई हफ्तों बाद उसे वापस भेज दिया गया था.
एवाई/वीके (एएफपी/रॉयटर्स)