पनामा नहर की उम्र सौ साल और बढ़ाने के लिए मरम्मत
आजकल पनामा नहर में मरम्मत का काम किया जा रहा है.
आजकल पनामा नहर में मरम्मत का काम किया जा रहा है. इसके चैंबरों में पुर्जों और उपकरणों को बदला या ठीक किया जा रहा है, जिससे नहर की उम्र सौ साल बढ़ जाएगी.पनामा नहर के आस-पास क्रेनों का जंजाल नजर आता है. इन क्रेनों के साथ काम कर रहे मजदूर नहर की एक सदी पुरानी दीवारों की मरम्मत में लगे हैं. उधर जहाजों का आना-जाना जारी है, जो भरपूर आवाज के साथ हॉर्न बजाते गुजरते हैं.
एक बड़े हिस्से में पानी को हटा दिया गया है और वहां मजदूर एक चैंबर में या लेन में मरम्मत कर रहे हैं. प्रशांत महासागर के नजदीक इस चैंबर का नाम है पेड्रो मिगेल लॉक.
कंक्रीट की ऊंची दीवारों और विशाल दरवाजों के बीच पंपों की आवाज गूंजती है, जिनके जरिए पानी को निकाला जाता है. इंजीनियर ट्रैफिक में इस रुकावट का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहते हैं ताकि सौ साल पुरानी मशीनों और बाकी ढांचे को फिर से चकाचक कर दिया जाए.
सौ साल और काम करेगी
दो महासागरों को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी इस नहर को अमेरिका ने 1914 में चालू किया था. तब से अटलांटिक से प्रशांत महासागर के बीच दस लाख से ज्यादा जहाज इस नहर से गुजर चुके हैं. नहर प्राधिकरण में उपाध्यक्ष (इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर) मिगेल लॉरेंजो बताते हैं, "पनामा नहर के दरवाजे सौ साल से ज्यादा पुराने हैं और हम जिस योजना के तहत मरम्मत कर रहे हैं, उससे इसकी उम्र सौ साल के लिए और बढ़ जाएगी.”
पनामा नहर के 100 साल
दरवाजों से जहाजों को गुजारने के लिए नहर बारिश के पानी का इस्तेमाल करती है. यहां चैंबर हैं जो लिफ्ट की तरह काम करते हैं. जब जहाज आता है तो उसे 85 फुट तक ऊपर उठा दिया जाता है और वे एक तरफ से दूसरी तरफ चले जाते हैं.
पेड्रो मिगेल लॉक में दो चैंबर हैं. हरेक चैंबर से रोजाना करीब 30 जहाज गुजरते हैं. मरम्मत जारी होने के बावजूद जहाजों का आना-जाना जारी है. फिलहाल पश्चिमी चैंबर में काम रुका है तो पूर्वी चैंबर से जहाज गुजर रहे हैं. पश्चिमी चैंबर की मरम्मत इस हफ्ते पूरी हो जाने की उम्मीद है. इस पर 25 लाख डॉलर के खर्च का अनुमान है.
इस दौरान 400 से ज्यादा लोग 65 फुट ऊंची वॉल्व की लगातार निगरानी करते रहे हैं और विशालकाय पाइपों के जरिए पानी पंप करके जहाजों को ऊपर-नीचे किया जाता रहा है.
जरूरी हैं दरवाजे
इससे पहले मरम्मत 2015 में हुई थी जब 1,000 फुट लंबे और 110 फुट चौड़े चैंबर में काम हुआ था. नहर में कुल 5 लॉक हैं जो 18 चैंबरों में बंटे हैं. लॉरेंजो कहते हैं कि बिजली से चलने वाले उपकरणों को भी बदला जा रहा है.
वह बताते हैं, "हमारी योजना है कि चैंबर को सुखाया जाए ताकि बिजली के हर उपकरण पर काम किया जा सके और उनकी उम्र बढ़ाई जा सके. जब हम चैंबर को सुखाते हैं तो हमें यह देखने का मौका भी मिल जाता है कि दीवारों में कहीं दरार आदि तो नहीं है या कहीं कोई टूट-फूट तो नहीं है.”
चैंबर के दो दरवाजे हैं, जिनमें से हरेक का वजन 700 टन है. हाल ही में उन्हें उतार कर वर्कशॉप ले जाया गया. जहां स्टील के इन दरवाजों की मरम्मत की गई, रबर फिटिंग और सील बदले गए और इन पर दोबारा पेंट किया गया. यह काम 37 साल बाद हुआ है.
पेड्रो मिगेल लॉक की मरम्मत की निगरानी कर रहे विलफ्रेड याऊ कहते हैं कि इलाके में सूखा पड़ रहा है इसलिए यह जरूरी है कि इन दरवाजों की हालत अच्छी रहे ताकि पानी की बर्बादी ना हो. वह कहते हैं कि यह काम वैसा ही है जैसे किसी घर में पानी टपकने से रोकने के लिए मरम्मत की जाती है, बस इसका पैमाना बहुत बड़ा है.
पनामा नहर दुनिया के सबसे अहम रास्तों में से एक है. कुल समुद्री ट्रैफिक का करीब छह प्रतिशत इसी नहर पर निर्भर करता है. अमेरिका, चीन और जापान इस रास्ते का प्रयोग करने वाले सबसे बड़े देश हैं.
पानी की कमी से खतरा
साल 2022 में यहां से 14,000 जहाज गुजरे और 51.8 करोड़ टन सामान इधर से उधर गया. इससे पनामा को 2.5 अरब डॉलर की कमाई हुई. लेकिन पानी की कमी ने नहर के कामकाज को प्रभावित किया है. बारिश ना होने के कारण इस नहर के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है.
नहर प्राधिकरण का कहना है कि ढांचे की मरम्मत पर सालाना करीब 40 करोड़ डॉलर खर्च होता है. नहर प्रबंधक कहते हैं कि हरेक चैंबर की हर पांच साल में एक बार जांच होती है और उस मरम्मत से उनकी उम्र में 25 से 30 साल का इजाफा होता है.
लॉरेंजो बताते हैं, "नहर को एक भीमकाय ढांचे के रूप में डिजाइन किया गया था, जिसके कारण हम मरम्मत के जरिए इसकी उम्र बढ़ा पाते हैं. हमें पूरा यकीन है कि नहर बहुत अच्छी हालत में है और कम से कम सौ साल और इसी तरह काम करती रहेगी.”
वीके/सीके (एएफपी)