जुपिटर मून से मिला रहस्यमयी FM रेडियो सिग्नल, NASA के जूनो अंतरिक्ष यान ने किया रिकॉर्ड

अमेरिकी स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा (NASA) के अंतरिक्ष यान ने एक जुपिटर मून (Jupiter Moon) से पांच सेकंड का रहस्यमयी रेडियो सिग्नल (Radio Signal) का पता लगाया है. बताया जा रहा है कि बृहस्पति (Jupiter) ग्रह के चंद्रमा से आ रही यह सिग्नल वाई-फाई जैसी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

वाशिंगटन: अमेरिकी स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा (NASA) के अंतरिक्ष यान ने एक जुपिटर मून (Jupiter Moon) से पांच सेकंड का रहस्यमयी रेडियो सिग्नल (Radio Signal) का पता लगाया है. बताया जा रहा है कि बृहस्पति (Jupiter) ग्रह के चंद्रमा से आ रही यह सिग्नल वाई-फाई जैसी है. नासा के चंद्र अभियान के लिए चुने गए 18 अंतरिक्ष यात्रियों में भारतवंशी राजा चारी भी शामिल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2016 से बृहस्पति की परिक्रमा कर रहे नासा के जूनो अंतरिक्ष यान ने इस अनोखे सिग्नल को पकड़ा है. जिसके बृहस्पति के चंद्रमा गैनीमिड (Ganymede) से निकलने की बात सामने आई है. चंद्रमा से जुड़ी यह चीज पहली बार पता चली है. हालांकि इस सिग्नल को प्राकृतिक कहा जा रहा है.

जूनो बृहस्पति के ध्रुवीय क्षेत्र में यात्रा कर रहा था, तभी यह रेडियो स्रोत टकराया. यह उस स्थान पर था जहां चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं गैनीमिड से जुड़ती हैं. वैज्ञानिक रूप से इसे "डिकैमेट्रिक रेडियो उत्सर्जन" (Decametric Radio Emission) कहा जाता है.

उल्लेखनीय है कि बीते साल नासा ने चांद की सतह पर पानी की पुष्टि की थी. अक्टूबर में नासा ने कहा कि उसने पहली बार चंद्रमा की सतह पर पानी के निशान पाए हैं. यह खोज नासा और जर्मन एयरोस्पेस सेंटर की संयुक्त परियोजना इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (एसओएफआईए-सोफिया) के लिए स्ट्रैटोस्फेरिक वेधशाला का उपयोग करके की गई.

नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेनस्टाइन ने बताया था कि पहली बार सोफिया टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर चंद्रमा की उस सतह पर पानी की पुष्टि हुई है जहां सूरज की किरण पड़ती है. नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित परिणामों से पता चलता है कि पानी या तो छोटे उल्कापिंड के प्रभाव से बना है या सूर्य से निकले ऊर्जा के कणों से पैदा हुआ है.

Share Now

\