Ozone Neutralized Coronavirus: जापानी शोधकर्ताओं का दावा, ओजोन गैस से कोरोना वायरस होता है बेअसर
दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. अकेले भारत में ही घातक वायरस की चपेट में 33 लाख से जादा लोग आ चुके है और 60 हजार से अधिक की मौत हुई है. इस बीच जापानी शोधकर्ताओं (Japanese Researchers) ने एक अनोखी खोज की है. शोधकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि ओजोन (Ozone) की कम सांद्रता (Low Concentration) कोरोनो वायरस को बेअसर करने की क्षमता रखती है.
नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. अकेले भारत में ही घातक वायरस की चपेट में 33 लाख से जादा लोग आ चुके है और 60 हजार से अधिक की मौत हुई है. इस बीच जापानी शोधकर्ताओं (Japanese Researchers) ने एक अनोखी खोज की है. शोधकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि ओजोन गैस (Ozone Gas) की कम सांद्रता (Low Concentration) कोरोनो वायरस को बेअसर करने की क्षमता रखती है. जो संभावित रूप से अस्पतालों समेत कई स्थानों पर कीटाणुरहित करने का एक प्रभावी तरीका बन सकती हैं.
फुजिता हेल्थ यूनिवर्सिटी (Fujita Health University) के वैज्ञानिकों ने एक न्यूज़ कांफ्रेंस में बताया कि उन्होंने यह साबित किया है कि ओजोन गैस 0.05 से 0.1 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) की सांद्रता में वायरस को खत्म कर सकता है. अच्छी बात यह है कि ओजोन का यह स्तर इंसानों के लिए हानिकारक भी नहीं है. कोरोना संकट के बीच दिल्ली में सब्जियों के दाम बढ़े, धनिया 200 तो मिर्च बिक रहा है 50 रुपये किलो
शोधकर्ताओं ने इस प्रयोग के लिए कोरोनो वायरस के नमूनों के साथ एक सील चैम्बर में ओजोन जनरेटर का उपयोग किया. करीब 10 घंटे तक घातक वायरस को ओजोन के निम्न स्तर में रखने पर वायरस की शक्ति 90 फीसदी से जादा घट गई.
मुख्य शोधकर्ता ताकायुकी मुराता (Takayuki Murata) ने कहा कि कोरोनो वायरस के प्रसार को कम-सांद्रता वाले ओजोन ट्रीटमेंट से कम किया जा सकता है, यहां तक कि इसका लोगों की उपस्थिति में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि यह उच्च आर्द्रता वाली परिस्थितियों में विशेष रूप से प्रभावी है.
पहले के प्रयोगों से पता चला है कि ओजोन का 1 से 6 पीपीएम का स्तर कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी है लेकिन इंसानों के लिए विषाक्त (Toxic) है. ओजोन आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक ग्रीनहाउस गैस है जो वायुमंडल में बहुत कम मात्रा (0.02%) में पाई जाती हैं. यह कई रोगजनकों को निष्क्रिय करने के लिए भी जाना जाता है.