भारत में आज से अगले 20 दिनों तक दिखेगा दुर्लभ धूमकेतु NEOWISE, जानें कैसे और कहां देखें यह अद्भुत नजारा
दुर्लभ धूमकेतु NEOWISE (Photo Credits: @weatherandsky Twitter)

धूमकेतु C/2020 F3 जिसे नियोवाइज (Comet NEOWISE) के नाम से भी जाना जाता है भारत में 20 दिनों तक दिखाई देगा. भुवनेश्वर के पठानी सामंत तारामंडल (Pathani Samanta Planetarium) के उप निदेशक के अनुसार नियोवाइज को 14 जुलाई से आसमान में खुली आंखों से देखा जा सकेगा. उत्तर पश्चिम दिशा की ओर आसमान में यह धूमकेतु दिखाई देगा. यह धूमकेतु अगले 20 दिनों तक सूर्यास्त के बाद 20 मिनट के लिए दिखाई देगा.

डॉक्टर शुभेंदु पटनायक (Dr Subhendu Pattnaik) ने कहा, यह धूमकेतु 14 जुलाई से शाम में नजर आएगा. शाम के समय यह धूमकेतु आसमान में और ऊपर की ओर चढ़ेगा और लंबे समय तक दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि लोग इसे बिना किसी खास चश्मे और दूरबीन के आसानी से इसे देख सकेंगे.'

डॉक्टर शुभेंदु पटनायक ने आगे कहा कि 30 जुलाई तक यह धूमकेतु सप्तर्षि मंडल के पास होगा. तब यह आसमान में 1 घंटे तक चमकेगा. जुलाई के बाद इसकी चमक कम होने लगेगी, लेकिन तब भी इसे दूरबीन की मदद से देखा जा सकेगा. यह भी पढ़ें: ISRO के मंगलयान में लगे मार्स कलर कैमरा ने खींची मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा 'फोबोस' की तस्वीर. 

आसमान में Comet NEOWISE-

कैसे और कहां देखें NEOWISE-

धूमकेतु उत्तर पश्चिमी आकाश (क्षितिज से 20 डिग्री) पर 14 जुलाई को कम दिखाई देगा. वर्तमान समय में वायु प्रदूषण नहीं है ऐसे में कुछ जगहों पर नंगी आंख से सी/2020 एफ-3 दिखाई दे रहा है. यह सूर्यास्त के बाद उत्तर-पश्चिम दिशा में कुछ समय 25 से 30 मिनट तक दिखाई दे रहा है.

कनाडा में Comet NEOWISE-

हर दिन यह धूमकेतु धीरे-धीरे ऊपर की तरफ जाएगा और जुलाई महीने के अंत तक यह 40 डिग्री ऊपर पहुंच जाएगा. उस समय यह सप्तर्षि मंडल के पास रहेगा और करीबन 1 घंटे तक दिखाई देगा. 30 जुलाई के बाद से यह नंगी आंख से नहीं दिखेगा.

NEOWISE पृथ्वी से लगभग 200 मिलियन किलोमीटर दूर अंतरिक्ष के माध्यम से आया था. 22 जुलाई को यह पृथ्वी की बाहरी कक्षा को पार करते हुए 64 मिलियन मील या 103 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर हमारे ग्रह के सबसे करीब होगा.

नासा के अनुसार, धूमकेतु लगभग 5 किमी चौड़ा है. इसका नाभिक 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति के लिए कालिख सामग्री के साथ कवर किया गया है. यह धूमकेतु पृथ्वी से अगली बार 6,000 वर्षों बाद 8,786 में दिखाई देगा.