गैलियम निर्यात पर चीन की रोक से इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग दुविधा में
ऑटो कंपनियां ऐसे धातु के लिए उत्सुक रहती हैं जो इलेक्ट्रिक वाहन को हल्का, सस्ता और उसकी क्षमता को बढ़ाए.
ऑटो कंपनियां ऐसे धातु के लिए उत्सुक रहती हैं जो इलेक्ट्रिक वाहन को हल्का, सस्ता और उसकी क्षमता को बढ़ाए.चीन के गैलियम निर्यात पर रोक के बाद ऑटो कंपनियां परेशान हैं कि क्या वह इलेक्ट्रिक वाहन में इस्तेमाल होने वाले इस धातु का इस्तेमाल जारी रखें या नहीं. गैलियम का इस्तेमाल एलईडी से लेकर छोटे मोबाइल फोन अडैप्टर जैसे कई एप्लीकेशन में होता है. ये कम ही लोग जानते हैं कि शुद्ध गैलियम आपके हाथ में पिघल सकता है मगर सेमिकंडक्टर्स में इसके कुछ कंपाउड का इस्तेमाल होता है.
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गैलियम के फायदे
ऑटो कंपनियां ऐसी हर चीज को लेकर उत्साहित हैं जो इलेक्ट्रिक वाहन को हल्का, सस्ताऔर उसकी क्षमता को बढ़ाए. गैलियम नाइट्राइड से यह संभव है. इसके अलावा, प्लैटिनम या पैलेडियम जैसी अन्य सेमीकंडक्टर्स से सस्ता भी है. गैलियम जिंक ओर और बॉक्साइट में थोड़ी मात्रा में पाया जाता है और एल्यूमीनियम बनाने के लिए बॉक्साइट को प्रोसेस करते समय गैलियम धातु का उत्पादन होता है. यूरोपीय उद्योग संघ क्रिटिकल रॉ मटेरियल एलायंस (सीआरएमए) के अनुसार, यह लगभग 80% चीन में उत्पादित होता है.
इलेक्ट्रिक वाहन में इस्तेमाल कंपाउंड गैलियम नाइट्राइड बिना ज्यादा गर्मी पैदा किए पावर दे सकता है. जिसकी वजह से यह चार्जर और इनवर्टर के लिए अच्छा होता है, जो बैटरी पैक से बिजली के प्रवाह को कंट्रोल करने में मदद करता है. कंपाउंड चिप बनाने वाले गोलेटा के सह-संस्थापक उमेश मिश्रा ने कहा, "गैलियम नाइट्राइड ने खेल को कईं गुना बड़ा कर दिया है," ट्रांसफॉर्म अपने सेमीकंडक्टर्स पर गैलियम नाइट्राइड की बहुत पतली परत, एक माइक्रोन या एक मिलीमीटर, का इस्तेमाल करता है.
पीवाई/एसबी (रायटर्स)