4G के बाद रिलायंस जियो 5G लाने की तैयारी में, 2020 में आने की संभावना
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट अनुसार, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने टेलिकॉम कंपनियो को इस बात की जानकारी दे दी है कि वो अपने नेटवर्क को 5G के अनुसार तैयार करने के लिए MIMO (मल्टिपलइनपुट-मल्टिपल आउटपुट) नेटवर्क फंक्शन्स वर्चुअलाइज़ेशन (NFV) और सॉफ्टवेयर डिफाइन्ड नेटवर्किंग (SDN) का इस्तोमाल करेंगी.
नई दिल्ली: मुकेश अंबानी की कंपनी 4G सर्विस और आक्रामक प्लान ला कर कम समय में देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई है. खबर है कि कंपनी अब तैयारी 5G की कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी 5G स्पेक्ट्रम मिलने के छह महीने के अंदर ही भारत में 5G सर्विस लॉन्च करेगी यानी 2020 तक कस्टमर्स तक 5G सर्विस पहुंच सकती है. सरकार ने इस नई योजना की जानकारी देते हुए कहा कि, 5G सर्विसेज के लिए स्पेक्ट्रम एलोकेट करने की प्लानिंग 2019 के अंत तक की गई है. यह 4G की तुलना में 50 से 60 गुना तेजी से काम कर सकता है.
गौरतलब है कि 2019 के आखिर तक स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी. हाल ही में सरकार ने भारत में 5G ट्रायल के लिए सिस्को, सैमसंग, एरिक्सन और नोकिया के साथ पार्टनर्शिप करने की बात कही है. जबकि चीनी कंपनियां हुआवे और जीटीई को इनसे बाहर रखा गया है. यह भी पढ़े-Reliance Jio का हॉलिडे हंगामा ऑफर, 399 रुपये की प्रीपेड प्लान पर 100 रुपये की छूट
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट अनुसार, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने टेलिकॉम कंपनियो को इस बात की जानकारी दे दी है कि वो अपने नेटवर्क को 5G के अनुसार तैयार करने के लिए MIMO (मल्टिपलइनपुट-मल्टिपल आउटपुट) नेटवर्क फंक्शन्स वर्चुअलाइज़ेशन (NFV) और सॉफ्टवेयर डिफाइन्ड नेटवर्किंग (SDN) का इस्तोमाल करेंगी.
इस मसले पर जियो के एग्जिक्युटिव ने बताया कि, 5G सर्विसेज की शुरुआत में कुछ चीजों से परेशानी हो सकती है. जिसमें सबसे बड़ी समस्या डिवाइसेज़ की हो सकती है.
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, हमने उच्च स्तरीय 5G कमेटी गठित की है, जो 5G के बारे में दृष्टिकोण, मिशन और लक्ष्यों को लेकर काम करेगी. दुनिया में 2020 में जब 5G टेक्नोलॉजी लागू होगी, मुझे भरोसा है कि भारत उनके साथ खड़ा रहेगा.