Jio, Airtel या VI... किस टेलिकॉम कंपनी का रिचार्ज है ज्यादा सस्ता? यहां जानें मोबाइल डेटा से जुड़ा बड़ा अपडेट
मोबाइल यूजर्स के लिए एक बुरी खबर है. देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने अपने एंट्री-लेवल प्रीपेड प्लान बंद कर दिए हैं.
Jio, Airtel & Vi Prepaid Plans: मोबाइल यूजर्स के लिए एक बुरी खबर है. देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने अपने एंट्री-लेवल प्रीपेड प्लान (Entry-Level Prepaid Plans) बंद कर दिए हैं. अब कम कीमत में ज्यादा डेटा पाने की चाहत रखने वाले यूजर्स को थोड़ा ज्यादा खर्च करना होगा. इस कदम से कंपनियों का औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (ARPU) तो बढ़ेगा, लेकिन आम लोगों की जेब पर इसका असर पड़ेगा. देखा जाए तो अब जियो और एयरटेल के मुख्य प्रीपेड प्लान इस प्रकार हैं. रिलायंस जियो का ₹299 वाला प्लान 1.5 जीबी डेटा प्रतिदिन और 28 दिनों की वैधता के साथ आता है. वहीं, ₹349 वाला प्लान 2 जीबी डेटा प्रतिदिन और 28 दिनों की वैधता देता है.
भारती एयरटेल का ₹349 वाला प्लान 1.5 जीबी डेटा प्रतिदिन और 28 दिनों की वैधता के साथ उपलब्ध है, जबकि ₹361 वाले प्लान में पूरे महीने के लिए 50 जीबी डेटा मिलता है.
VI ने भी अपने प्रीपेड प्लान में किया बदलाव
वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने भी अपने प्रीपेड प्लान में बदलाव किया है. उनके ₹299 वाले प्लान में 1 जीबी प्रतिदिन, ₹349 वाले प्लान में 1.5 जीबी प्रतिदिन और ₹408 वाले प्लान में 2 जीबी डेटा प्रतिदिन और 28 दिनों की वैधता मिलती है.
टेलिकॉम कंपनियों में तेज हुआ प्रतिस्पर्धा
इस बदलाव ने भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में कंपनियों (Indian Telecom Companies) के बीच प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा दिया है. रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के बीच नंबर वन दूरसंचार कंपनी बनने की होड़ तेज हो गई है. ट्राई (TRAI) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, जियो ने जून 2025 में 19 लाख नए ग्राहक जोड़े, जबकि भारती एयरटेल को केवल 7,63,482 नए उपयोगकर्ता मिले. दूसरी ओर, वोडाफोन आइडिया ने उस महीने 2,17,816 ग्राहक खो दिए.
अब बजट के हिसाब से चुनना होगा प्लान
विशेषज्ञों का कहना है कि एंट्री-लेवल प्रीपेड प्लान बंद करने का मतलब है कि कंपनियां अब यूजर्स को हाई-वैल्यू प्लान्स (Data Plans) की ओर आकर्षित करेंगी, जिससे उनकी कमाई बढ़ेगी. वहीं, आम लोगों को सस्ते डेटा की उम्मीद थी, लेकिन अब उन्हें ज्यादा खर्च करना पड़ेगा.
उपभोक्ताओं को अब अपनी जरूरतों और बजट के हिसाब से प्लान चुनना होगा. डिजिटल लाइफ और महंगाई के इस दौर में डेटा की बढ़ती मांग को देखते हुए यह कदम आम आदमी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.