Dreem11 App Hacked: ड्रीम11 ऐप हैक! 61 फाइलें लीक, कंपनी का डेटा चुराने के आरोप में सुरक्षा निदेशक गिरफ्तार
महाराष्ट्र साइबर विभाग ने ड्रीम11 स्पोर्ट्स कंपनी के सुरक्षा निदेशक अभिषेक प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑनलाइन बैटिंग कंपनी के महत्वपूर्ण डेटा को हैक कर पैसे की मांग की.
मुंबई: महाराष्ट्र साइबर विभाग ने ड्रीम11 स्पोर्ट्स कंपनी के सुरक्षा निदेशक अभिषेक प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑनलाइन बैटिंग कंपनी के महत्वपूर्ण डेटा को हैक कर पैसे की मांग की.
सिंह, जो स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के सुरक्षा निदेशक हैं, को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार, 11 अगस्त को सिंह ने कंपनी के पांच प्रमुख अधिकारियों को एक धमकी भरा ईमेल भेजा था, जिसमें लिखा था, “सिटी हब अकाउंट से समझौता कर लिया गया है और 1200 रिपोजिटरीज तक पहुंच प्राप्त है. फाइलें संलग्न की गई हैं. यदि आप इन रिपोजिटरीज को डार्क वेब पर अपलोड होने से रोकना चाहते हैं तो कार्रवाई करें.”
पुलिस ने बताया कि इस ईमेल के साथ कुल 61 फाइलें संलग्न थीं, जिनमें ड्रीम11 के सिस्टम को नुकसान पहुंचाने की क्षमता थी.
पहले ईमेल का जवाब देते हुए आईटी के उपाध्यक्ष ने लिखा, “कृपया हमें बताएं कि संपर्क करने का अच्छा समय क्या होगा.”
12 अगस्त को आरोपी सिंह ने ईमेल का जवाब देते हुए लिखा, “गिफ्टहब का डेटा बाजार में उपलब्ध है, यदि आप कोई पेशकश करना चाहते हैं तो बताएं.”
इसकी सूचना के बाद, ड्रीम11 के कर्मचारी जमशेद भोपाली ने महाराष्ट्र साइबर सेल में एफआईआर दर्ज करवाई.
पुलिस ने सीडीआर के आधार पर आरोपी की लोकेशन का पता लगाया और उसे बेंगलुरु के एमटीबीडब्ल्यूएस कॉलोनी, क्रॉसरोड से गिरफ्तार किया.
जांच के दौरान, पुलिस ने ईमेल पता भी खोजा जिसका इस्तेमाल धमकी भरे ईमेल के लिए किया गया था. आरोपी का लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया है.
आरोपी को गुरुवार को एस्प्लानेड कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उसे 26 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया.
पुलिस अब जांच करेगी कि आरोपी ने कंपनी के सोर्स कोड और पासवर्ड तक कैसे पहुंच प्राप्त की और यह भी कि आरोपी ने डेटा को डार्क वेब पर कैसे लीक किया.
आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 308 (ब्लैकमेल), 303 (धोखाधड़ी) और 35 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है, साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत भी आरोप लगाया गया है.