चाइनीज लोन और सट्टेबाजी ऐप्स के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 138 सट्टेबाजी ऐप और 94 ऋण देने वाले ऐप को प्रतिबंधित और ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक इन सभी ऐप्स के चाइनीज कनेक्शन हैं और ये भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली हैं. यह भी पढ़ें: लॉजिस्टिक स्टार्टअप फारआई ने 90 कर्मचारियों की छंटनी की, 8 महीने में दूसरी बार नौकरी में कटौती
जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ऐसे चाइनीज ऐप को बैन करने का निर्देश दिया गया था, जो किसी अन्य तीसरे पक्ष के लिंक के जरिये काम कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि ये सभी चीनी ऐप आईटी एक्ट की धारा 69 का उल्लंघन कर रहे थे। इनमें ऐसी सामग्री है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है.
सूत्रों के मुताबिक आर्थिक रूप से तंग लोगों को ये ऐप कर्ज के जाल में फंसाते थे और फिर कर्ज के ब्याज को 3,000 फीसदी तक बढ़ा दिया जाता था. वहीं कर्ज चुकाने में असमर्थ कई लोगों को इन चाइनीज ऐप के लिए काम करने वालों ने इस कदर प्रताड़ित किया कि वो खुदकुशी करने के लिए मजबूर हो गए. विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इन ऐप्स के कई कर्जदारों की आत्महत्याओं और प्रताड़ना के बाद ये मुद्दा सुर्खियों में आया था.
वहीं दूसरी तरह इन चाइनीज ऐप में सर्वर साइड सिक्योरिटी का दुरुपयोग कर जासूसी उपकरण में बदलने की भी क्षमता होती है. दरअसल इन ऐप्स के पास भारतीयों के महत्वपूर्ण डेटा तक पहुंच है. ऐसे डेटा तक पहुंच का उपयोग बड़े पैमाने पर जासूसी के लिए किया जा सकता है, जिस वजह से ऐसे सभी ऐप्स को देश के लिए खतरा माना जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले कुछ चीनी लोन देने वाले ऐप की जांच शुरू की थी. जांच में पाया गया कि ऐसे 94 ऐप ई-स्टोर पर मौजूद हैं और किसी अन्य तीसरे पक्ष के लिंक के जरिये काम कर रहे हैं. वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने भी गृह मंत्रालय से ऐसे सट्टेबाजी और लोन लेंडिंग ऐप को बैन करने को कहा था.
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र ने 2022 में देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले 54 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था