Arti Saha's 80th Birthday: भारतीय स्विमर आरती साहा की 80वीं जयंती पर गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

Google ने गुरुवार को भारतीय महिला तैराक आरती साहा की 80वीं जयंती पर उनका डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. साहा वह पहली महिला हैं जिन्हें साल1960 में पद्म श्री से नवाजा गया. उनका जन्म 24 सितंबर, 1940 को कलकत्ता (तब ब्रिटिश भारत) में हुआ था. शुरुआत में उन्होंने हुगली नदी के किनारे तैरना सीखा. बाद में उन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रतिस्पर्धी तैराकों में से एक सचिन नाग (Sachin Nag) के अन्दर ट्रेनिंग ली.

आरती साहा की 80वीं जयंती पर गूगल ने बनाया शानदार डूडल, (फोटो क्रेडिट्स: गूगल )

Google ने गुरुवार को भारतीय महिला तैराक आरती साहा की 80वीं जयंती पर उनका डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. साहा वह पहली महिला हैं जिन्हें साल1960 में पद्म श्री से नवाजा गया. उनका जन्म 24 सितंबर, 1940 को कलकत्ता (तब ब्रिटिश भारत) में हुआ था. शुरुआत में उन्होंने हुगली नदी के किनारे तैरना सीखा. बाद में उन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रतिस्पर्धी तैराकों में से एक सचिन नाग (Sachin Nag) के अन्दर ट्रेनिंग ली. पांच साल की उम्र में साहा ने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था. 11 साल की उम्र तक उन्होंने कई तैराकी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. 12 साल की उम्र में आरती साहा फिनलैंड (Finland) के हेलसिंकी (Helsinki) में 1952 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (Summer Olympics) में भाग लेने वाली भारत की पहली टीम में शामिल हुई. वह टीम बनाने वाली केवल चार महिलाओं में से एक थीं. यह भी पढ़ें: Popular Google Doodle Games: गूगल डूडल के मशहूर गेम 'Halloween' से अपने बोरियत भरें दिन को बनाएं खास, घर बैठकर खेलें यह मजेदार खेल

18 साल की उम्र में उन्होंने उसने इंग्लिश चैनल को पार करने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहीं, फिर प्रयास करने के बाद वह यात्रा पूरी करने में सफल रहीं. ऐसा करने वाली वह पहली एशियाई महिला बन गई. आज 24 सितंबर का डूडल अंग्रेजी चैनल में उनकी यात्रा के बारे में है. डूडल में कम्पास और समुद्र के दृश्य के साथ साहा तैराकी करती हुई दिखाई दे रही हैं. इस गूगल डूडल को कोलकाता की आर्टिस्ट लावण्या नायडू (Lavanya Naidu) ने बनाया है.

आरती साहा एक मध्यम वर्गीय बंगाली हिंदू परिवार से हैं. उनके पिता का नाम पंचगोपाल साहा था और तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर पर थीं. उसके पिता सशस्त्र बलों में एक कर्मचारी थे. ढाई साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया. उनके बड़े भाई और छोटी बहन भारती का पालन-पोषण मामा के घर हुआ, जबकि उनकी परवरिश उनकी दादी ने उत्तरी कोलकाता में की.

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