Airtel Xstream: एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर ने 99 रुपये प्रति माह पर 'सिक्योर इंटरनेट' लॉन्च किया

यूजर्स को ऑनलाइन काम करते हुए साइबर खतरों से दूर रहने में मदद करने के मकसद से एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर ने मंगलवार को एक बेहद प्रासंगिक ऑनलाइन सेवा- 'सिक्योर इंटरनेट' लॉन्च की, जो मैलवेयर (वायरस सहित), उच्च जोखिम वाली वेबसाइटों और रियल-टाइपऐप्स को ब्लॉक करता है.

एयरटेल एक्सस्ट्रीम ( Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली, 7 जुलाई : यूजर्स को ऑनलाइन (Airtel Xstream Fiber) काम करते हुए साइबर खतरों से दूर रहने में मदद करने के मकसद से एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर ने मंगलवार को एक बेहद प्रासंगिक ऑनलाइन सेवा- 'सिक्योर इंटरनेट' लॉन्च की, जो मैलवेयर (वायरस सहित), उच्च जोखिम वाली वेबसाइटों और रियल-टाइपऐप्स को ब्लॉक करता है. यह ऑनलाइन सेवा सभी एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर ग्राहकों के लिए 99 रुपये के मासिक सब्सक्रिप्शन पर उपलब्ध है. कंपनी ने कहा कि वह वाई-फाई के माध्यम से एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर से जुड़े सभी उपकरणों के लिए एयरटेल के नेटवर्क सुरक्षा तंत्र का लाभ उठाकर वास्तविक समय में इन गतिविधियों को रोक सकती है.

भारती एयरटेल के मुख्य विपणन अधिकारी शाश्वत शर्मा ने एक बयान में कहा, "हम, एयरटेल में, अपने ग्राहकों के लिए नवाचार के माध्यम से बेहतर और सुरक्षित डिजिटल अनुभव बनाने के लिए जुनूनी हैं. काम और बच्चों की पढ़ाई सभी ऑनलाइन हो गई है." शर्मा ने कहा, "ब्रॉडबैंड की गति और विश्वसनीयता के साथ, सुरक्षा अब ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है. सुरक्षित इंटरनेट को हमारे ग्राहकों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए सक्रिय करने में आसान और अत्यधिक प्रभावी समाधान है." 'सिक्योर इंटरनेट' ग्राहकों की अलग-अलग जरूरतों के लिए रिमोट वर्किं ग से लेकर ऑनलाइन कक्षाओं तक कई सुरक्षा मोड प्रदान करता है. यह भी पढ़ें : Earthquake: असम में फिर कांपी धरती, गोलपारा में सुबह 8.45 बजे 5.2 तीव्रता का आया भूकंप

इसके चाइल्ड सेफ और स्टडी मोड के साथ, ग्राहक अवांछित, वयस्क/ग्राफिक सामग्री वाली वेबसाइटों और एप्लिकेशन को ब्लॉक कर सकते हैं जो बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं हैं. सीईआरटी-इन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2020 के दौरान साइबर हमलों में 300 प्रतिशत की वृद्धि देखी. छठी वार्षिक नॉर्टन साइबर सेफ्टी इनसाइट्स रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 12 महीनों में लगभग 59 प्रतिशत भारतीय वयस्क साइबर अपराध का शिकार हुए हैं.

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