नई दिल्ली: जंतर-मंतर (Jantar-Mantar) से 28 मई को हटाए जाने के बाद शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया (Bajrang Punia), साक्षी मलिक (Sakshi Malik) और विनेश फोगट (Vinesh Phogat) ने रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से ज्वाइन कर ली है. रिपोटरें के अनुसार, उत्तर रेलवे मुख्यालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक 31 मई को अपने बड़ौदा हाउस कार्यालय में ड्यूटी पर उपस्थित हुईं. इससे एक दिन पहले तीनों गंगा में अपने अंतर्राष्ट्रीय पदकों को विसर्जित करने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. कई लोगों के अनुरोध पर उन्होंने इसकी बजाय किसान नेताओं को अपने पदक सौंप दिए.
सोमवार को साक्षी ने भी ड्यूटी ज्वाइन करने की पुष्टि की. इस बीच, उन्होंने अफवाहों का खंडन किया कि वह आंदोलन से हट गई हैं. उन्होंने कहा, खबर पूरी तरह से गलत है. हममें से कोई भी पीछे नहीं हटा है. हम न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और इस बीच मैं रेलवे में अपनी जिम्मेदारी निभा रही हूं. Bajrang Punia On Withdrawal From Wrestlers' Protest: साक्षी मलिक के बाद बजरंग पुनिया ने भी पहलवानों के आंदोलन से पीछे हटने की खबरों का किया खंडन, कहा- हमें नुक़सान पहुँचाने के लिए फैलाई जा रही हैं ये खबरें
इससे पहले, बजरंग, साक्षी और विनेश ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने विरोध से संबंधित मामले पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की.
पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने आईएएनएस को बताया, उन्होंने गृह मंत्री के साथ अपनी चिंता साझा की. बैठक लंबी थी और उन्होंने सब कुछ सुना। लेकिन 'अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ'.
बजरंग, साक्षी और विनेश अप्रैल से ही पहलवानों के विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग सहित कई पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. विरोध करने वाले पहलवानों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया और विरोध स्थल जंतर मंतर पर उनकी विरोध-प्रदर्शन की व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया गया.