भारत के सबसे सफल शतरंज खिलाड़ियों में से एक विश्वनाथन आनंद ने कहा है कि अब खेल उनकी सोच पर उस तरह से काबू नहीं करता जिस तरह से पहले किया करता था. आनंद ने हालांकि कहा कि जब तक वह इस खेल का लुत्फ उठा रहे हैं वह खेलना जारी रखेंगे. आनंद ने यह भी कहा कि उनके पास भविष्य को लेकर कोई तय रणनीति नहीं है. आनंद ने यहां अपनी किताब 'माइंड मास्टर' के लांच से इतर आईएएनएस से कहा, "आगे जाने के लिए कोई तय रणनीति नहीं है. मैं टूर्नामेंट खेलता रहूंगा. मैं आमंत्रणों को देखता हूं और मैं अभी भी खेलना चाहता हूं. लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे कि मेरी दीर्घकालिक रणनीति क्या है तो मैं कहूंगा कि मैं नहीं जानता."
50 साल के आनंद ने कहा कि 2019 की तुलना में वह 2020 में कम व्यस्त रहेंगे और अपने खेल तथा बेटे अखिल के साथ ज्यादा समय बिताना चाहेंगे. उन्होंने कहा, "अगले साल के लिए, मैं कैलेंडर देखूंगा और तय करूंगा. लगता है कि यह साल मेरे लिए पिछले साल की तुलना में कम व्यस्त रहने वाला है. ओलम्पियाड है लेकिन उसके अलावा कुछ खास नहीं."
उन्होंने कहा, "मैं बैठ कर तैयार करना चाहता हूं और अपने खेल पर काम करना चाहता हूं. इस साल समय होगा. मैं इस साल अपने घर पर भी ज्यादा समय बिताऊंगा. शतरंज फिर वहीं आ जाता है कि यह अब मेरे विचारों पर हावी नहीं हो पाता."
पूर्व विश्व चैम्पियन ने कहा, "अखिल से पहले, मैं दिन-दिन भर शतरंज के बारे में सोचता था क्योंकि समय होता है लेकिन अब आपको बुरा लगता है. अगर वह खेलना चाहता होगा तो मैं भी खेलूंगा लेकिन यह नहीं कहूंगा कि मुझे काम है. यह गलत लगता है."