Tokyo Olympics 2020: गोल्ड मेडल जीतने के बाद Neeraj Chopra ने किए कई अहम खुलासे, यहां पढ़ें सब एक नजर में
भारत के 23 वर्षीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया है. टोक्यो ओलंपिक में उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर रहा. यह भारतीय ओलिंपिक इतिहास में 100 वर्षों में ट्रैक ऐंड फील्ड से पहला मेडल है.
टोक्यो, 7 अगस्त: भारत के 23 वर्षीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतते हुए इतिहास रच दिया है. टोक्यो ओलंपिक में उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर रहा. यह भारतीय ओलिंपिक इतिहास में 100 वर्षों में ट्रैक ऐंड फील्ड से पहला मेडल है. नीरज इस मेडल के साथ ही ओलिंपिक में इंडिविजुअल स्पोर्ट में गोल्ड जीतने वाले दूसरे ऐथलीट बन गए हैं. उनसे पहले शूटर अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) ने यह खास कारनामा किया था.
नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद ANI न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, 'मेरे दिमाग में था कि ओलंपिक में अपना बेस्ट करने की कोशिश करनी है लेकिन जब तक आखिरी थ्रो तक गोल्ड फाइनल नहीं हो गया तब तक मैंने दिमाग को रिलैक्स नहीं किया. बाकी थ्रोअर काफी अच्छे थे.'
नीरज ने आगे बात करते हुए कहा, 'मेरे सबसे छोटे अंकल मुझे स्टेडियम में लेकर गए थे, वो चाहते थे कि मैं खिलाड़ी बनूं. जब मैंने पहले दिन जैवलिन खेलना शुरू किया तो मुझे जैवलिन से अजीब सा लगाव हो गया था, मैंने उसी दिन से जैवलिन को अपना प्रोफेशन चुन लिया था.'
उन्होंने आगे कहा, 'मिल्खा सिंह ने भारतीय खेल और एथलेटिक्स के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है. उनका सपना था कि भारत से कोई गोल्ड जीते और राष्ट्रगान बजे. उनका वो सपना पूरा हुआ लेकिन आज वो हमारे बीच नहीं हैं, मुझे लगता है कि वो आज जहां भी हैं वहां से देखकर गर्व महसूस कर रहे होंगे.'
नीरज ने कहा, 'चोट खिलाड़ी की जिंदगी का एक हिस्सा है, उस समय ये मानना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन हम इसे बदल नहीं सकते. मैंने कोशिश की थी कि आने वाली प्रतियोगिताओं पर ध्यान दूं और अपने आप को तैयार करना शुरू करूं. सभी ने साथ दिया और मैं अच्छे से रिकवर हो पाया.'
बता दें नीरज चोपड़ा से पहले अभिनव बिंद्रा ने मीटर एयर रायफल स्पर्धा में भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रचा था. वह 11 अगस्त 2008 को बीजिंग ओलिंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे.