मारिया शारापोवा ने टेनिस को कहा गुडबाय, बोली ‘हर दिन महसूस होगी कमी’
पांच बार की ग्रैंडस्लैम चैम्पियन मारिया शारापोवा ने बुधवार को 32 साल की उम्र में टेनिस से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने ‘वोग’ एंड ‘वैनिटी फेयर’ मैगजीन में आये एक लेख में कहा, ‘‘टेनिस (को) - मैं गुडबाय कह रही हूं.’’
पेरिस: पांच बार की ग्रैंडस्लैम (Grand Slam) चैम्पियन मारिया शारापोवा (Maria Sharapova) ने बुधवार को 32 साल की उम्र में टेनिस से संन्यास की घोषणा की. उन्होंने ‘वोग’ एंड ‘वैनिटी फेयर’ मैगजीन में आये एक लेख में कहा, ‘‘टेनिस (को) - मैं गुडबाय कह रही हूं.’’ शारापोवा ने कहा, ‘‘28 साल और पांच ग्रैंडस्लैम खिताब के बाद, हालांकि मैं एक नयी ऊंचाई को छूने और एक अलग सफर के लिये तैयार हूं. ’’
रूस की इस स्टार खिलाड़ी ने अपने ग्रैंडस्लैम खिताब 2016 आस्ट्रेलियन ओपन में प्रतिबंधित पदार्थों के परीक्षण में विफल होने के बाद 15 महीने के प्रतिबंध से पहले जीते थे. सेरेना ने कहा, शारापोवा के खिलाफ मन में कोई नकारात्मक भाव नहीं
रूस की यह पूर्व नंबर एक रैंकिंग की खिलाड़ी पिछले साल कंधे की समस्या के कारण खेल नहीं पायी थी. जब उन्होंने खेलना शुरू किया तो वह काफी मुकाबलों में हार गयीं.
वर्ष 2004 में 17 वर्ष की उम्र में विम्बलडन विजेता बनने वाली शारापोवा 2005 में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनी थी और इसके अगले साल उन्होंने अमेरिकी ओपन खिताब जीता था.
शारापोवा ने बुधवार को कहा, ‘‘मेरी सफलता में सबसे अहम चीज यह थी कि मैंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और ना ही ज्यादा आगे देखा. ’’
वर्ष 2007 से कंधे की समस्या का दौर शुरू हुआ. 2008 आस्ट्रेलियाई ओपन में खिताब जीतने के बाद वह इसके कारण अमेरिकी ओपन और बीजिंग ओलंपिक में नहीं खेल पायी.
उन्होंने 2012 में फ्रेंच ओपन में खिताब जीता और वह करियर ग्रैंडस्लैम पूरा करने वाली 10वीं महिला खिलाड़ी बनीं. उन्होंने फिर ओलंपिक रजत पदक अपने नाम किया.
चोट के बावजूद उन्होंने 2014 में फ्रेंच ओपन ट्राफी जीती. इसके बाद प्रतिबंधित पदार्थ के परीक्षण में विफल रहने के कारण उन्हें 15 महीने के लिये प्रतिबंधित कर दिया था. 2017 में उन्होंने वापसी की लेकिन सफल नहीं हो पायीं.
उन्होंने कहा, ‘‘टेनिस को अपनी जिंदगी दी और टेनिस ने मुझे जिंदगी दी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन टेनिस की कमी महसूस होगी. मुझे ट्रेनिंग और अपनी दिनचर्या की कमी खलेगी. तड़के उठना, जूते पहनने में दायें से पहले बायें जूते के फीते बांधना और दिन की पहली गेंद खेलने से पहले कोर्ट का गेट बंद करना.’’