PSL 2023: 16 करोड़ के लिए PCB और पाकिस्तान सरकार में टकराव, PSL मैचों की आयोजन में सुरक्षाकर्मियों पर खर्च का है मुद्दा
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की सबसे बड़ी टूर्नामेंट पाकिस्तान सुपर लीग खेला जा रहा है जिसमे 6 टीमो ने मिलकर 13 मुकाबले खेल चुकी है. पाकिस्तान में इसके आयोजन से वर्तमान में बहुत सारी समस्याएं पैदा कर रही है. वजह है पैसों का लेन-देन. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और पाकिस्तान के पंजाब राज्य की अंतरिम सरकार के बीच असहमति के कारण लाहौर और रावलपिंडी में पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के आठवें सत्र को कराची में स्थानांतरित कर दिया गया है. एक विकल्प प्रतीत होता है. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान सुपर लीग में क्वेटा ग्लैडिएटर्स और इस्लामाबाद यूनाइटेड के बीच आज खेला जाएगा मुकाबला, जानें कब- कहां और कैसे देखें लाइव मैच

कराची और मुल्तान ने पीएसएल 2023 सीज़न के शुरुआती मैचों की मेजबानी की, जो 13 फरवरी से शुरू हो गए है. लाहौर और रावलपिंडी 26 फरवरी के बाद मैचों की मेजबानी करेंगे. इन खेलों पर पीसीबी और पंजाब अंतरिम सरकार के बीच विवाद पैदा हो गया है. इस विवाद को सुलझाने के लिए पंजाब सरकार ने पीसीबी से 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपए जो 16 करोड़ भारतीय रुपये के बराबर सुरक्षा कर्मियों के खर्चे के लिए मांगे हैं.

कराची पीएसएल मैचों की मेजबानी करेगा

24 फरवरी (शुक्रवार) को एक आपातकालीन बैठक में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पीएसएल फ्रेंचाइजी, पाकिस्तानी मीडिया में रिपोर्टों के अनुसार, यह निर्णय लिया गया कि बोर्ड को पंजाब सरकार की मांगों को नहीं देना चाहिए. साथ ही, बोर्ड अध्यक्ष नजम सेठी इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे. बोर्ड ने फ्रेंचाइज़ियों के पास टूर्नामेंट के बाकी मैचों को कराची ले जाने का विकल्प छोड़ दिया है, और यह अनुमान लगाया गया है कि यदि पंजाबी सरकार के साथ विचार-विमर्श से कोई समाधान नहीं निकलता है तो यह कार्रवाई की जाएगी.

सरकार बदलते ही मांग भी बदली

दरअसल, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पंजाब की पिछली सरकार के बीच टूर्नामेंट के आयोजन के लिए पांच करोड़ पाकिस्तानी रुपये का समझौता हुआ था. यह राशि पीसीबी द्वारा सुरक्षा कर्मियों के खाने-पीने की लागत को कवर करने के लिए दी जानी थी, जिसे बोर्ड ने पहले ही तय समझौते के तहत कवर कर लिया था, लेकिन जनवरी में सरकार बदलने के बाद अंतरिम प्रशासन ने सुरक्षा कर्मियों को भेजने का विकल्प चुना. जिसके लिए बोर्ड से खर्चा भी मांगा गया था. पीसीबी के इस तर्क के परिणामस्वरूप विवाद उत्पन्न हुआ है कि मैचों के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है. पहले, इन शहरों की सरकारें इन शहरों में खेले जाने वाले अंतरराष्ट्रीय या पीएसएल मैचों के लिए सुरक्षा से जुड़ी लागतों को कवर करने के लिए जिम्मेदार थीं.