कांस्टेबल से सफर शुरू करने वाली झारखंड की दो धाकड़ महिला एथलीट बनेंगी आईपीएस
प्रतीकात्मक तस्वीर ( Photo Credit: Pixabay)

झारखंड पुलिस में कभी कांस्टेबल रहीं अपने दौर की दो धाकड़ महिला एथलीट के सीने पर जल्द ही आईपीएस का बैज लगने वाला है. 19 जून को दिल्ली में यूपीएससी में राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई बैठक में झारखंड की राज्य पुलिस सेवा के 24 अफसरों को आईपीएस में प्रमोट करने पर सहमति बन गई है. इनमें दो महिला एथलीट सरोजनी लकड़ा और एमेल्डा एक्का के नाम प्रोन्नति पाने वाले अफसरों की वरीयता सूची में सबसे ऊपर है. स्पोर्ट्स कोटे से दोनों वर्ष 1986 में राज्य पुलिस में कांस्टेबल के तौर पर नियुक्त हुई थीं. स्पोर्ट्स ग्राउंड से पुलिस सर्विस में आने के बाद खुद को निखारने और उच्च शिक्षा हासिल करने वाली इन दोनों एथलीट ने डिपार्टमेंट, राज्य और देश को गर्व के कई मौके दिए. यह भी पढ़ें: एमएस धोनी ने अफगानिस्तान और केकेआर के विकेटकीपर रहमानुल्लाह गुरबाज को दिए साइन किया हुआ सीएसके की जर्सी, देखें वायरल तस्वीर

सरोजनी लकड़ा राज्य के लातेहार जिला अंतर्गत गारू प्रखंड के रामसेली गांव से आती हैं. बचपन से खेल के मैदान से नाता रहा. महुआडांड स्थित संत टेरेसा स्कूल के एथलेटिक्स सेंटर की छात्रा रहीं सरोजनी का ट्रैक एंड फील्ड का सफर 1984 में शुरू हुआ था. उन्होंने इस साल दिल्ली में आयोजित एसजीएफआई गेम्स में जीवन का पहला पदक जैवलिन थ्रो में जीता.

ऑलराउंडर एथलीट के तौर पर उन्होंने 100 मीटर हर्डल, 100 एवं 400 मीटर रिले, हाई जंप, लांग जंप, हेप्थाटलन में राज्य और देश के स्तर पर दर्जनों पदक जीते। उन्होंने वर्ष 1994 तक इंडिया पुलिस गेम्स में भाग लिया. इसी बीच तत्कालीन बिहार सरकार ने उन्हें वर्ष 1986 में कांस्टेबल के तौर पर नौकरी दी थी। इस बीच स्पोर्ट्स, नौकरी के साथ-साथ उनका शिक्षा का सफर जारी रहा. उन्होंने वर्ष 2018 में जर्मनी से ओलंपिक स्टडी में एमए की पढ़ाई पूरी की.

इसी तरह महुआडांड़ थाना क्षेत्र के चैनपुर की एमेल्डा एक्का ने भी नेशनल गेम में एकीकृत बिहार का प्रतिनिधित्व किया और 100, 200 व 400 मीटर तथा रिले रेस में राज्य स्तर पर कई रिकॉर्ड भी बनाए थे. एथलीट के तौर पर एमेल्डा ने जब सफर शुरू किया था, जब उनके पांवों में जूते तक नहीं होते थे.। 1991 में दोनों एक साथ इंस्पेक्टर बनीं। वर्ष 2008 में इन दोनों की प्रोन्नति डीएसपी के पद पर हुई और वर्ष 2019 में इन्हें एएसपी बनाया गया.