Ind vs Ban: बांग्लादेश को अब 'अंडरडॉग' टीम नहीं कह सकते- रविचंद्रन अश्विन

बांग्लादेश की टीम रावलपिंडी में पाकिस्तान पर 2-0 की शानदार जीत के बाद भारत के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में मैदान पर है. इस पर सीनियर भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा किअब कोई भी इन्हें 'अंडरडॉग' नहीं कह सकता.

Ravichandran Ashwin (Photo: X)

चेन्नई, 19 सितंबर : बांग्लादेश की टीम रावलपिंडी में पाकिस्तान पर 2-0 की शानदार जीत के बाद भारत के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में मैदान पर है. इस पर सीनियर भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा किअब कोई भी इन्हें 'अंडरडॉग' नहीं कह सकता.

अश्विन ने प्री-मैच चैट में कहा, "पता नहीं कि हमारे ड्रेसिंग रूम में इस बात पर कितना ध्यान दिया गया. लेकिन निश्चित रूप से बांग्लादेश ने अपना दमखम दिखाया है. वे एक उभरती हुई टीम हैं. पाकिस्तान के खिलाफ उनकी जीत ऐतिहासिक थी. मैंने उनमें से कुछ क्लिप देखीं. बांग्लादेशी क्रिकेट टीम के लिए यह एक बड़ी सफलता थी, क्योंकि उन्होंने बहुत कुछ झेला है. यह भी पढ़ें : Sri Lanka vs New Zealand 1st Test 2024 Day 2 Scorecard: श्रीलंका की पहली पारी 305 रनों पर सिमटी, न्यूजीलैंड की तरफ से विलियम ओ’रूर्के ने चटकाए 5 विकेट

"मैं उन लोगों में से हूं जो अंडरडॉग को खेलते देखना पसंद करते हैं. आप उन्हें अब अंडरडॉग नहीं कह सकते, क्योंकि अब वो शानदार क्रिकेट खेल रहे हैं. पिछली बार जब हम बांग्लादेश में थे, तो उन्होंने हमें चुनौती दी थी. मैं एक अच्छी सीरीज का इंतजार कर रहा हूं." अश्विन को यह भी लगता है कि चेपॉक की लाल मिट्टी की पिच भारत और बांग्लादेश दोनों को खेल के सभी पहलुओं पर परखेगी.

उन्होंने कहा, "हमने अब तक जितने भी टेस्ट मैच खेले हैं, सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ कम स्कोर वाले मैच को छोड़कर, आमतौर पर बल्लेबाजों ने खूब रन बनाए हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच 500 प्लस स्कोर जैसा विकेट था. "यह हमेशा से ही टेस्ट मैच के लिए अच्छी पिच रही है. हम फिर से लाल मिट्टी की पिच पर खेलने जा रहे हैं. इसमें बहुत उछाल होगा, लेकिन गेंदबाजों के लिए भी यह उपयोगी होगी. खेल के सभी पहलू इसमें शामिल होंगे."

चेन्नई के रहने वाले अश्विन हाल ही में 38 साल के हुए हैं और उनका मानना है कि कड़ी मेहनत करने से उन्हें टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलती है अश्विन ने कहा, "जब मैं मैदान पर उतरता हूं तो उत्साह और महत्वाकांक्षा हमेशा एक जैसी रहती है. क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसे मैं पूरी तरह से पसंद करता हूं. मैंने मैदान पर बिताए हर पल का लुत्फ उठाया है. लेकिन उम्र एक संख्या है और आप इसे कैसे देखते है यह भी मायने रखता है."

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