पिता को नहीं दिखा सके तेजिंदर तूर अपना गोल्ड मेडल, बीच रास्ते में ही मिल गई पिता के मौत की खबर
तेजिंदर तूर (Photo Credits: Twitter)

चंडीगढ़: हर पिता की इच्छा होती है कि वह अपने बच्चों को किसी मुकाम पर देखे. कुछ ऐसा ही एक वाकिया जकार्ता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवाले एथलेटिक्स के साथ भी हुआ जिसे सुनकर सभी के दिल नम हो उठे. दरअसल 18वें एशियाई खेलों में अपनी बेहतरीन प्रदर्शन का जौहर दिखाकर गोल्ड मेडल जीतनेवाले शॉटपुटर तेजिंदर तूर अपने पिता करम सिंह को उनका सबसे कीमती तोहफा नहीं दें सके.

तेजिंदर तूर ने भले ही जकार्ता में बड़े-बड़े एथलेटिक्स को धूल चटाई लेकिन वह अपने पिता का एक ख्वाब पूरा ना कर सके. बताया जाता है कि तेजिंदर के पिता कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और उनके पास ज्यादा वक्त नहीं बचा था. तेजिंदर को इस लायक बनाने में उनके पिता की अहम भूमिका थी. उन्होंने अपने बेटे को कामयाब एथलेटिक्स बनाने के लिए बहुत कुछ खोया था. इसलिए बेटा तेजिंदर भी एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर अपने पिता को तोहफा देना चाहते थे.

सब कुछ ठीक चल रहा था. तेजिंदर ने शॉटपुटर में गोल्ड मेडल भी जीता. वह अपने मेडल को सबसे पहले अपने पिता को दिखाना चाहते थे.लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. बेटा अपना मेडल जल्दी से जल्दी अपने मरते हुए पिता को दिखाने के लिए फ़ौरन भारत लौटा लेकिन उसके घर पहुंचने से पहले ही पिता की मौत की खबर आ गई.

जकार्ता से भारत लौटने के बाद तेजिंदर तूर सीधे एयरपोर्ट से मोंगा शहर में स्थित अपने घर कि लिए रवाना हुए. लेकिन तेजिंदर सड़क के रास्ते से बस कुछ किलोमीटर दूर ही चले थे कि उनके पिता करम सिंह की मौत हो गई और पिता को गोल्ड मेडल गिफ्ट करने का उनका ख्वाब अधूरा ही रह गया.

भारतीय नौसेना में काम करने वाले 23 साल के पंजाब के मोगा जिले के तेजिंदर ने एशियाई खेलों के सातवें दिन 25 अगस्त को शॉट पुट स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. तूर ने एशियाई रिकॉर्ड के साथ पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने 20.75 मीटर के साथ भारत का परचम लहराया.