दोहा: भारतीय टीम ने मंगलवार को यहां जासिम बिन हमाद स्टेडियम में खेले गए फीफा विश्व कप-2022 क्वालीफायर टूर्नामेंट के अपने दूसरे मैच में अपने से मजबूत टीम और एशियाई चैम्पियन कतर को गोलरहित ड्रॉ पर ही रोक दिया. कतर जैसी मजबूत टीम को रोकना आसान नहीं था लेकिन सुनील छेत्री के बिना उतरी भारत ने मजबूत रक्षापंक्ति के दम पर गोल नहीं होने दिया. छेत्री की कमी बेशक टीम को आक्रमणपंक्ति में खली. छेत्री बुखार के कारण इस मैच में नहीं उतरे. उनकी जगह कप्तानी कर रहे संदेश झिंगान ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और डिफेंस में टीम के लिए बड़ा योगदान दिया. शुरुआत से ही कतर ने हावी होने की कोशिश की और लगातार मौके बनाए लेकिन भारतीय डिफेंस ने उसकी हर कोशिश को अंजाम से महरूम ही रखा.
मैच का पहला सही मौका भारत ने सातवें मिनट में बनाया था. उदांता सिंह और मनवीर की जोड़ी ने कतर के डिफेंस में सेंध लगाते हुए गेंद अनिरुद्ध थापा को दी जिन्होंने पुजारी को पास दिया। पुजारी ज्यादा देर तक गेंद अपने पास रखने की गलती कर बैठे और कतर ने उनसे मौका छीन लिया. 17वें मिनट में मेजबान टीम को लगातार दो कॉर्नर मिले जिन पर हालेम गेंद को सही दिशा में नहीं रख पाए। कतर ने अब लय पकड़ ली थी. उसने 19वें और 21वें मिनट में दो अच्छे मौके फिर बनाए। पहले मौके पर संदेश ने रोड़ा डाला तो दूसरे मौके पर भारत के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने गोल नहीं होने दिया. 25वें मिनट में गुरप्रीत को पीला कार्ड भी थमा दिया गया. यह भी पढ़े: FIFA World Cup 2018: 36 साल बाद विश्व कप में वापसी करेगा पेरू
26वें मिनट में कतर ने भारतीय खेमे को अभी तक की सबसे बड़ी चिंता दी. खोखी ने हैडर लिया जो गोलपोस्ट के करीब से बाहर चला गया. भारत की आक्रमणपंक्ति भी ठहरी नहीं थी. वह भी लगातार कोशिश कर मौके बना रही थी. दोनों टीमों का डिफेंस मजबूती से काम कर रहा था इसी कारण पहले हाफ का अंत गोलरहित रहा. भारत दूसरे हाफ में थोड़ी ज्यादा आक्रामक दिखी. 51वें मिनट में उसने सहल अब्दुल समद के दम पर गोल का सूखा खत्म करने की कोशिश की जो पूरी नहीं हो सकी.
अगले मिनट में ही सहल ने उदांता को पास दिया. भारतीय खिलाड़ी अपने शॉट को सही मुकाम नहीं दे पाए और गोल नहीं हो सका.संदेश ने इस बीच कतर के अलमोएज को टैकल करते हुए उन्हें मौके नहीं बनाने दिए. भारत को 56वें मिनट में एक झटका लगा. रोवलिन बोर्जेस ने हायडोस पर फाउल कर दिया था जिसके कारण उन्हें येलो कार्ड दिया गया। यह भारत का इस मैच में दूसरा येलो कार्ड था.दो मिनट बाद कतर के असीम ओमेर अल हाज माडिबो को भी येलो कार्ड मिला. कतर बेसब्र हो रही थी और जल्दबाजी में गड़बड़ियां भी कर रही थी.
70वें मिनट में मेजबान टीम को इस मैच का अपना 11वां कॉर्नर मिला लेकिन इस बार भी गेंद नेट में नहीं जा सकी. 76वें मिनट में गुरप्रीत ने बॉक्स के बाहर से आए एक बेहतरीन शॉट को अच्छी तरह रोकते हुए कतर को एक बार फिर मायूस किया. कतर की कोशिशों के बीच भारत को मौका नहीं मिल पा रहा था लेकिन 81वें मिनट में उदांता ने अपनी टीम के लिए लगभग गोल कर ही दिया था. थापा ने बेहतरीन फुटवर्क दिखाते हुए गेंद अपने सहयोगी उदांता को दी. उदांता की शायद किस्मत यहां खराब थी क्योंकि गेंद बेहद करीब से गोलपोस्ट से बाहर निकल गई. गोल करने के लिए बेसब्र होती जा रही दोनों टीमों ने अंत में कुछ बदलाव भी किए लेकिन गोल दोनों के हिस्से ही नहीं आया और मैच 0-0 के स्कोर के साथ समाप्त हुआ.