भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Hockey Team) के मिडफील्डर हार्दिक सिंह (Hardik Singh) ने हाल ही में एक पॉडकास्ट पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर फैंस ने उन्हें और उनके साथियों को नजरअंदाज करते हुए सोशल मीडिया सेंसेशन 'डॉली चायवाला' (Dolly Chaiwala) के साथ सेल्फी क्लिक की. यह घटना इस बात को दर्शाती है कि आज के समय में खिलाड़ियों की पहचान और प्रशंसा में कितनी चुनौतियाँ हैं.
हार्दिक ने पंजाबी में बात करते हुए कहा कि जब उन्होंने और उनके साथी, जैसे कि हरमनप्रीत सिंह और मनप्रीत सिंह, इस बात का अनुभव किया कि फैंस उनके बजाय 'डॉली चायवाला' के साथ सेल्फी ले रहे हैं, तो उन्हें थोड़ी अजीब सी अनुभूति हुई. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फैंस द्वारा प्रशंसा मिलना खिलाड़ियों के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है, खासकर जब वे अपने खेल में मेहनत कर रहे होते हैं.
यह खुलासा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे सोशल मीडिया ने हमारे समाज में पहचान और प्रसिद्धि की धारणा को बदल दिया है. 'डॉली चायवाला' ने अपनी अदाओं और अनोखे कंटेंट के जरिए कई लोगों के दिलों में जगह बनाई है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या हमारे खेल के नायकों की उपलब्धियों को भी उतनी ही सराहना मिलनी चाहिए?
हार्दिक के इस बयान ने इस मुद्दे पर चर्चा को जन्म दिया है कि फैंस की प्राथमिकताएं कैसे बदल रही हैं और कैसे समाज अपने खेल नायकों की पहचान को नजरअंदाज कर रहा है. जबकि 'डॉली चायवाला' जैसे सोशल मीडिया के सितारे लोगों को आकर्षित कर रहे हैं, यह याद रखना जरूरी है कि खिलाड़ियों की मेहनत और उनकी उपलब्धियों की भी उतनी ही सराहना होनी चाहिए.
इस घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि भले ही सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि अस्थायी हो, लेकिन समर्पित खिलाड़ियों की उपलब्धियों की प्रशंसा हमेशा हमारे दिलों में बनी रहनी चाहिए. ऐसे समय में, जब भारतीय हॉकी टीम ने अनेक सफलताएं प्राप्त की हैं, हमें उनकी पहचान और सराहना करने में पीछे नहीं रहना चाहिए.