नई दिल्ली, 17 अगस्त: अपनी वित्तीय हालत के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ( Vinod Kambli) ने कहा है कि वह क्रिकेट से संबंधित काम की तलाश में हैं, क्योंकि उनकी आय का एकमात्र स्रोत भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मिलने वाली पेंशन है. 50 वर्षीय कांबली ने आखिरी बार 2019 टी20 मुंबई लीग के दौरान एक टीम को कोचिंग दी थी. कोविड के बाद वह सिर्फ बीसीसीआई की ओर से मिलने वाली 30,000 रुपये की पेंशन पर निर्भर है, जिससे वह अपने परिवार को चला पा रहे हैं. यह भी पढ़ें: Indian Women Cricket: 2023-24 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेलेगी
वह नेरुल में तेंदुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल एकेडमी में युवा क्रिकेटरों का मार्गदर्शन भी करते थे.हालांकि, संन्यास ले चुके क्रिकेटर नेरुल भी काफी यात्रा करने के बाद पहुंचते थे.कांबली ने मिड-डे से कहा, "मैं सुबह 5 बजे उठता था, डीवाई पाटिल स्टेडियम के लिए कैब लेता था। यह बहुत परेशानी वाला व्यस्त कार्यक्रम होता था। मैं शाम को बीकेसी मैदान में कोचिंग देता था."
उन्होंने आगे कहा, "मैं एक संन्यास ले चुका क्रिकेटर हूं, जो पूरी तरह से बीसीसीआई की पेंशन पर निर्भर है. इस समय मेरा एकमात्र आय का साधन (आय का स्रोत) बोर्ड से है, जिसके लिए मैं वास्तव में आभारी हूं। यह मेरे परिवार का ख्याल रखता है."अपनी वित्तीय कठिनाइयों के बारे में आगे बात करते हुए, कांबली ने उल्लेख किया कि संन्यास के बाद एक काम होना महत्वपूर्ण है और वह मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) से इसकी तलाश कर रहे हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बचपन के दोस्त और भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर इस वित्तीय स्थिति से अवगत हैं, पूर्व क्रिकेटर ने कहा, "सचिन सब कुछ जानते हैं, लेकिन मैं उनसे कुछ भी उम्मीद नहीं कर रहा हूं. उन्होंने मुझे टीएमजीए (तेंदुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल एकेडमी) में काम दिलाया था. तब मैं बहुत खुश था. वह बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं. वह हमेशा मेरे लिए सोचते रहे हैं."
कांबली ने आगे कहा कि अगर मुंबई की टीम को उनकी जरूरत होगी, तो वह उनकी मदद करेंगे.कांबली ने 104 वनडे और 17 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1991 और 2000 के बीच चार टेस्ट शतक और दो वनडे शतक सहित सभी प्रारूपों में 3561 रन बनाए.