नई दिल्ली: पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने 14 अगस्त को देश के क्रिकेट इतिहास को दर्शाते हुए एक वीडियो साझा किया था. इसमें वर्ल्ड चैंपियन कप्तान इमरान खान की अनदेखी हुई थी, जिसकी वसीम अकरम ने आलोचना की है.
पीसीबी ने 14 अगस्त को एक वीडियो जारी किया, जिसमें उनके कुछ शीर्ष खिलाड़ियों के प्रमुख योगदान और 1952 के बाद से पाकिस्तान क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े क्षणों पर प्रकाश डाला गया, जब उन्होंने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था. लेकिन इस वीडियो में इमरान खान को नहीं दिखाया गया. ICC Men's T20 Player Rankings: टीम इंडिया के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने करियर का सर्वश्रेष्ठ 25वां स्थान हासिल किया, जानें अन्य खिलाड़ियों का हाल
वीडियो में इमरान को शामिल न करने पर तीखी प्रतिक्रिया हुई. इमरान न केवल पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, बल्कि अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक देश के प्रधानमंत्री भी रहे हैं. अब 1992 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे वसीम अकरम ने इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
57 वर्षीय अकरम ने कहा कि जब उन्होंने वीडियो देखा तो उन्हें "जीवन का सबसे बड़ा सदमा" लगा और उन्होंने पीसीबी से वीडियो को हटाने और इमरान को इससे बाहर रखने के लिए "माफी" मांगने का आग्रह किया.
अकरम ने एक ट्वीट में कहा, "श्रीलंका पहुंचने से पहले लंबी उड़ानों और कई घंटों के ट्रेवल के बाद, मुझे अपने जीवन का सबसे बड़ा झटका तब लगा जब मैंने महान इमरान खान को छोड़कर पाकिस्तान क्रिकेट के इतिहास पर पीसीबी की छोटी क्लिप देखी... राजनीतिक मतभेद अलग हैं लेकिन इमरान खान विश्व क्रिकेट के प्रतीक हैं और अपने समय में पाकिस्तान को एक मजबूत इकाई के रूप में विकसित किया और हमें एक रास्ता दिया... पीसीबी को वीडियो हटा देना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए''.
इमरान खान को पाकिस्तान के सबसे बेहतरीन क्रिकेटर और खेल के महानतम ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है. उन्होंने 1992 में एमसीजी में पाकिस्तान को पहला वर्ल्ड कप जिताया.
दो दशक लंबे राजनीतिक करियर के बाद 2018 में इमरान को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुना गया था, लेकिन पिछले साल संसद में अविश्वास मत के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया था.
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान तब से मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, और एक जानलेवा हमले के प्रयास के बाद घायल हो गए हैं. दस दिन पहले इमरान को गिरफ्तार किया गया और भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी.