धोनी के समर्थन में उतरे सैयद किरमानी, कहा- वे रोल मॉडल, टीम में बने रहना चाहिए
पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी देश के युवा खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल हैं और उन्हें टीम में बने रहना चाहिए. गौरतलब है कि धोनी की हाल के दिनों में धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचना हो रही है. किरमानी ने कहा कि जिस तरह धोनी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, हमेशा से विकेटकीपरों के खेल के अंतिम दिनों के समय में ऐसे सवाल उठते आए हैं.
कोलकाता : पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी (Syed Kirmani) ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) देश के युवा खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल हैं और उन्हें टीम में बने रहना चाहिए. धोनी की हाल के दिनों में धीमी बल्लेबाजी के लिए आलोचना हो रही है. उनकी जगह युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को टीम में लाने की वकालत भी कई लोग कर रहे हैं.
किरमानी ने हालांकि धोनी का समर्थन किया है और कहा है कि धोनी अभी भी टीम के लिए काफी उपयोगी हैं. यहां एक कार्यक्रम से इतर किरमानी ने कहा, "उन्हें अकेला छोड़ दीजिए. समय आएगा जब वो संन्यास ले लेंगे, लेकिन हमें उनके संन्यास के बारे में बात करना छोड़ देना चाहिए. उन्होंने जिस तरह से भारतीय टीम की कप्तानी की है, वो बेहतरीन है. वह भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं. उन्होंने भारत को टेस्ट, वनडे और टी-20 में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है."
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किरमानी ने कहा, "धोनी को टीम में रहना चाहिए क्योंकि वह युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल हैं. उन्हें निश्चित तौर पर टीम में रहना चाहिए. वह पहले ही टेस्ट से संन्यास ले चुके हैं. यह उनका फैसला है. हमें इसमें दखल नहीं देना चाहिए. क्या किसी और ने धोनी जैसी शोहरत हासिल की है?"
किरमानी ने कहा कि जिस तरह धोनी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं, हमेशा से विकेटकीपरों के खेल के अंतिम दिनों के समय में ऐसे सवाल उठते आए हैं. किरमानी ने कहा, "जब फारूख इंजीनियर अपने करियर के अंतिम समय में थे तब भी यह सवाल खड़ा हो रहा था कि उनके बाद कौन. उसके बाद सैयद किरमानी, किरन मोरे और धोनी आए."
उन्होंने कहा, "कोई न कोई उनका स्थान जरूर लेगा. हमारे पास तीन-चार प्रतिभाशाली विकेटकीपर हैं. विकेटकीपिंग क्रिकेट का आसान पहलू नहीं है. यह काफी मुश्किल जगह है और काफी अहम भी. कोई भी सिर्फ दस्ताने पहन कर विकेटकीपिंग नहीं कर सकता."
किरमानी ने टेस्ट टीम के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के साथ भी साहनुभूति जताई जो पंत के आने के बाद से टीम के दूसरे विकल्प बन गए हैं. एक समय साहा टेस्ट टीम की प्राथमिकता हुआ करते थे लेकिन चोट के कारण उन्हें लंबे समय तक मैदान से दूर रहना पड़ा और इस बीच पंत ने अपनी जगह पक्की कर ली.
किरमानी ने कहा, "साहा को दुर्भाग्यवश कुछ चोटें लग गई थीं. उन्हें भी बराबर का मौका दिया जाना चाहिए. अगर आप मौका नहीं देते हैं, तो टीम में रखने का क्या मतलब."
पूर्व विकेटकीपर ने कहा, "हमें प्रदर्शन के आधार पर निर्णय लेना चाहिए. साहा टीम में घरेलू क्रिकेट में अपने लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण आए थे, लेकिन आप जब एक बार पिक्चर से बाहर हो जाते हैं तो कोई और आपका स्थान ले लेता है. इसलिए कार्तिक, पंत जैसे खिलाड़ी टीम में आ गए. अब हमें देखना होगा कि किसके प्रदर्शन में सबसे ज्यादा निरंतरता है, चाहे वो बल्लेबाजी में हो या विकेटकीपिंग में या दोनों में."