भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) ने कर दिया है कि इस सीजन में रणजी नाकआउट मुकाबलों में लिमिटेड डीआरएस का उपयोग किया जाएगा. बीसीसीआई के मुताबिक डीआरएस में हॉकआउ और अल्ट्राएज का उपयोग नहीं होगा. इन दो तकनीकों का इस्तेमाल इंटरनेशनल क्रिकेट में किया जाता है.
बीते सीजन में रणजी मुकाबलों में खराब अम्पायरिंग की शिकायत आई थी. इसमें सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान चेतेश्वर पुजारा को जोरदार निक के बावजूद आउट नहीं दिया गया था.
यह भी पढ़ें- भारतीय टीम से बाहर चल रहे इस तेज गेंदबाज ने रणजी ट्रॉफी में मचाया कोहराम, विश्व कप के लिए पेश की दावेदारी
बीसीसीआई के महाप्रबंधक सबा करीम ने लिमिटेड डीआरएस के उपयोग की पुष्टि की है। करीम ने कहा, "बीते साल कुछ नॉकआउट मैचों के दौरान अम्पायरों से कुछ गलतियां हुई थीं और इसी कारण हमने इस तरह की स्थिति से बचने के लिए लिमिटेड डीआरएस का उपयोग करने का फैसला किया है."
भारत में क्रिकेट का काम देख रही प्रशासकों की समिति ने इस साल जून में लिमिटेड डीआरएस को हरी झंडी दे दी थी.