मुंबई: पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी (Ms Dhoni) और इंग्लैंड के बल्लेबाज इयान बेल (Ian Bell) के बीच 2011 में हुई टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट में दिल को छूने वाली घटना हुई थी. साल 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच नॉटिंघम (Nottingham) में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में इयान बेल के रन आउट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. इंग्लैंड के खिलाफ उस टेस्ट मैच में कप्तानी करने वाले एमएस धोनी ने तब इयान बेल को अजीब हालात में रन आउट होने के बाद वापस बुलाया था. इयान बेल ने अब 10 साल बाद फिर उस घटना को याद करते हुए बड़ा बयान दिया है. MS Dhoni: महेंद्र सिंह धोनी की नई पारी, पत्नी साक्षी धोनी संग करेंगे वेब सीरीज का करेंगे निर्माण
बता दें कि उस घटना के करीबन एक दशक बाद अब इयान बेल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चुप्पी तोड़ी है. इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी इयान बेल ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा कि उस मैच में मेरी गलती थी और मुझे पवेलियन की तरफ नहीं जाना चाहिए था. निश्चित रूप से धोनी को इसके लिए खेल भावना के लिए दशक का अवॉर्ड जैसा सम्मान दिया गया था, लेकिन गलती मेरी थी और मुझे ऐसा नहीं करना था.' धोनी को इसके लिए 10 साल बाद स्पिरिट ऑफ क्रिकेट आफ द डिकेड (Spirit Of Cricket Of The Decade) का अवॉर्ड दिया गया.
जुलाई 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच नॉटिंघम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के दौरान इयान बेल के रन आउट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. नॉटिंघम टेस्ट के तीसरे दिन इयोन मोर्गन के साथ इयान बेल क्रीज पर जमे हुए थे. चाय से पहले अंतिम गेंद थी जिसे इयान बेल ने ऑन साइड में खेलकर सोचा कि यह चौका गया. इयोन मॉर्गन भी दूसरी तरफ थे. इयान बेल गलतफहमी में अपनी क्रीज को छोड़कर मोर्गन से बात करने लगे. तभी प्रवीण कुमार ने थ्रो करते हुए धोनी को गेंद दी और धोनी ने अभिनव मुकुंद को गेंद थी. उन्होंने विकेट उखाड़ दिए. मैदानी अम्पायर ने बेल को आउट दिया. इसके बाद धोनी ने अपील को वापस लेते हुए बेल को वापस खेलने के लिए बुलाया. टी ब्रेक खत्म होने के बाद इयान बेल को दोबारा बल्लेबाजी करने का मौका मिला.
चायकाल के दौरान इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और कोच एंडी फ्लावर चायकाल के दौरान भारतीय ड्रेसिंग रूम में अपील वापस लेने का अनुरोध करने पहुंचे. धोनी ने टीम मैनेजमेंट से चर्चा करने के बाद अपील वापस ले ली. इस खेल भावना के लिए आईसीसी ने धोनी को दशक का बेस्ट खेल भावना अवॉर्ड दिया. धोनी के उस बर्ताव को आज भी क्रिकेट में याद किया जाता है.